मानवता की सेवा सबसे बड़ा धर्म IRCS

बलिया. परोपकार और सेवा का मूल्य तभी होता है जब वह सही व्यक्ति को दिया जाय. शायद ईश्वर जब परेशानियां ज्यादा देता है तो सहन शक्ति भी उतनी ही देता है, नहीं तो सर्द और गलन की रात में रोडवेज बस स्टैंड के पास बाटी चोखा की दुकान चलाने वाले नरहीं के रहने वाले लक्ष्मण गुप्ता और सुनीता देवी ठंढ़ से ठिठुरकर अलाव का सहारा लिए हुए रात गुजारने पर मजबूर थे.

जब तक आप मजबूरी में भूखे न रहें हो तब तक आप भूख की कीमत उतनी शिद्दत से नहीं समझ सकते, जब तक आपको मजबूरी में प्यासा न रहना पड़ा हो, तब तक आप पानी का मूल्य नहीं समझ सकते और जब तक आपने गलन भरी सर्द जाड़े की रात में हवाओं के तफेड़ो के साथ खाली पेट खुले आसमान के नीचे गरीबी न झेली हो तब तक दिल दिमाग शून्य करने वाली गरीबी को शिद्दत से नहीं समझ सकते.

शुक्रगुजार हूं, उस स्थानीय पत्रकार बंधु का जिन्होंने फोन पर सूचना दी और इनके बारे में जानकारी दिया और रात में मौके पर उपस्थित भी रहे. जानकारी मिलते ही रेड क्रास टीम से सरदार सुरेन्द्र सिंह खालसा और अनिल कुमार ने रात्रि 10 बजे पहुंचकर इन्हें कंबल उपलब्ध कराया. कंबल मिलते ही इनके चेहरे पर खुशी झलकने लगी और ढ़ेर सारी दुआएं व आशीर्वाद दिया.

सच्ची मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. जिलाधिकारी/अध्यक्ष इण्डियन रेड क्रास सोसायटी बलिया के निर्देश एवं आदेश के क्रम में संस्था लगातार जरुरतमंदों की सेवा कर रही है. इस अवसर पर जिला समन्वयक शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय, अख्तर अली उपस्थित रहे.
बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट

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