बलिया के रेल महकमे के लिए ऐतिहासिक दिन रहा शनिवार

  • पहली बार जिले ने किया किसी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का स्वागत
  • बलिया लाइव के लिए बलिया रेलवे स्टेशन से कृष्णकांत पाठक

भृगु क्षेत्र बलिया के रेल महकमे के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा. पूर्वात्तर रेलवे के इतिहास में पहली बार भारतीय रेलवे बोर्ड के किसी चेयरमैन का बलिया रेलवे स्टेशन पर स्वागत हुआ. बलियावासियों के लिए भी यह अभूतपुर्व एहसास था. जिले के कोने कोने से भारी भीड़ उमड़ी.

पल पल की खबर के लिए लोगों की बेचैनी बस देखते ही बन रही थी. चेयरमैन के निरीक्षण यान की राह में लोग टकटकी लगाए बैठे थे. घोषित समय था कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ठीक 12.20 बजे बलिया रेलवे स्टेशन पर पहुंचेंगे.

घड़ी की सूई पर निगाह गड़ाए लोगों को इंतजार खलना शुरू हो गया. रेल कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछ भी रहे थे विलंब की वजह. मगर दस मिनट बाद ही इंतजार की घड़ियां खत्म हो गई. चेयरमैन विनोद कुमार यादव पहुंच चुके थे.

बलिया रेलवे स्टेशन पर गगनभेदी स्वर में गूंज रहे थे भृगु बाबा के जयकारे. इस अदा पर भला कौन फिदा नहीं होना चाहेगा. बेशक इस स्वागत पर एक बार विनोद कुमार यादव का भी सीना उतान तो हुआ ही होगा.

चेयरमैन के साथ वहां सांसद त्रयी वीरेंद्र सिंह मस्त, नीरज शेखर, रवींद्र कुशवाहा, मंत्री उपेंद्र तिवारी, विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह, धनंजय कन्नौजिया, पूर्व मंत्री राजधारी, भाजपा जिलाध्यक्ष जय प्रकाश साहू समेत कई नामचीन चेहरे वहां स्वागत के लिए मौजूद थे.

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने सबसे पहले बलिया की मीडिया से ही रूबरू होना चाहा. चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने सवाल पूछने का इशारा मीडिया को किया तो पत्रकारों ने सवालों की झड़ी लगा दी.

मोटे तौर पर अनुमान है कि चेयरमैन ने धड़ल्ले से 11 पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर दिया. बताया कि बलिया में रेलवे का विकास बहुत हद तक हुआ है. और इसके अतिरिक्त विकास के लिए दस करोड़ तत्काल स्वीकृत किए गए हैं. डबल लाइन का काम होते ही यहां रेलवे के विस्तार की स्पीड और बढ़ जाएगी.

इसके बाद जरूरूत के मुताबिक अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि बलिया से नई दिल्ली के लिए तथा मुंबई के लिए ट्रेन चलाने की लंबे समय से मांग की जा रही है. अब सब संभव है. बहुत जल्द इंतजार की घड़ियां खत्म होंगी.

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप होते ही न ट्रेनों की कमी होगी और न ही वेटिंग टिकट की समस्या रहने दी जाएगी. अब ट्रेन और टिकट दोनों कन्फर्म मिलेंगे. चाहे आपको देश के किसी भी कोने में जाना हो ट्रेन भी उपलब्ध होंगे और टिकट भी.

रेलवे सूत्रों की मानें तो बलिया में लाइन बिछाने का काम 1891 में शुरू हुआ था. 1895 में पूरा हुआ. पांच वर्षों के लंबे इंतजार के बाद बलिया वासियों के लिए ट्रेन चलाई गई.

फिर बलियावासियों को बड़ी लाइन की ट्रेन के लिए सौ साल तक इंतजार करना पड़ा. 1996 में बड़ी लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ. 3 महीने की अवधि में बड़ी लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया. तीन महीने तक बलिया अन्य भागों से कटा रहा.

सड़क मार्ग से आने-जाने के अलावा और कोई सुविधा नहीं थी. लोगों को यह संकट अल्प समय के लिए ही था. फरवरी में लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ और अप्रैल में ही पूरा कर लिया गया. लेकिन 3 महीने तक लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

वर्ष 1996 में बड़ी लाइन का शुभारंभ हो गया. लोगों को अपेक्षा थी कि अब बलिया देश के कोने कोने से रेलवे से जुड़ जाएगा परंतु सिंगल लाइन होने के कारण बलिया से बनारस, गोरखपुर, इलाहाबाद आदि स्थानों तक जाने के लिए काफी दिक्कतें उठानी पड़ी.

अब रेलवे ने डबल लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया है.रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव का कहना है कि डबल लाइन का काम पूरा होने के साथ ही बलिया को देश के कोने कोने तक जाने के लिए ट्रेन की सुविधा दी जाएगी.

मगर धरातल बलिया के लोगों को कितनी सहूलियतें और सुविधाएं मिलेंगी, यह तो वक्त बताएगा.

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