
बलिया में तहसील और थानों में भ्रष्टाचार की बात कुछ दिनों पहले बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह ने कही थी और अब कुछ वैसा ही बयान पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह का आया है. नगरा में राम इकबाल सिंह ने कहा कि तहसील और थाने स्तर पर भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ा है कि जनता कराह उठी है, यहां तक कि सत्ता से जुड़े कार्यकर्ता थाने आदि पर जाने से डरने लगे हैं. मुझे लग रहा है कि सच्चाई उपर तक पहुंच नहीं पा रही है.
राम इकबाल सिंह ने कहा कि ‘किसी ने पीटा हो या कोई मार खाया है, किसी की जमीन कब्जा किया गया हो या कोई कब्जा कर रहा हो, सारे मामलों में रिश्वत देना पड़ रहा है. बाइक पकड़े जाने पर या कार का कागज घर छूट जाने पर 20 -20 हजार रूपए तक फाइन देना पड़ रहा है. ऐसी परिस्थिति में बलात्कार की घटनाओं को भी तोड मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की जा रही है’.
पूर्व विधायक ने रेप की दो घटनाओं का जिक्र करते हुए कहे कि 28 नवम्बर 2019 को रसड़ा क्षेत्र की एक महिला के साथ रेप की घटना हुई. उसका थाने में एफआईआर नहीं हो रहा था. उसे थाने में बैठाकर गाली दी जा रही थी. जानकारी होने पर डीआईजी और एसपी को फोन किया तो रात को 12 बजे उसकी प्राथमिकी दर्ज हुई. चार दिन बाद मेडिकल हुआ तथा सीजेएम कोर्ट में 164 के तहत बयान हुआ लेकिन कितनी शर्म की बात है कि महिला का अपराधी खुलेआम घूम रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में उन्होंने डीजीपी से बात की तो उन्होंने महिला को बुलाकर जानकारी हासिल की और एसपी बलिया को फोन कर कार्रवाही करने की बात कही. पीड़िता को लेकर जब एसपी से मिले तो एसपी ने कहा कि जांच बदल कर क्राइम ब्रांच को सौंप दी है. आज-कल करते करते एसपी का ट्रांसफर हो गया. वर्तमान एसपी से भी मिलकर फिर से शिकायत की लेकिन कार्रवाई का इंतजार ही हो रहा है. दूसरी घटना गड़वार थाने के एक गांव की है. एक लड़की के साथ गैंग रेप हुआ और पुलिस ने एक को रेप तथा दो को मारपीट का आरोपी बना दिया. उन्होंने सवाल किया कि पुलिस आखिर क्यों सरकार को कलंकित कर रही है और ऐसे लोगों को कब और कैसे सुधारा जाएगा.