बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र
बैरिया क्षेत्र के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर बुधवार शाम से ही रिजर्वेशन कराने के लिए लोग पहुंचने लगे थे. वे विधिवत आरक्षण खिड़की के सामने डेरा डाल बैठ गए थे. गुरुवार को सुबह 8 बजे नियत समय पर आरक्षण खिड़की खुली. मुश्किल से अप 02561 जयनगर-नई दिल्ली सेनानी एक्सप्रेस ट्रेन के चार टिकट ही बुक हो पाए. इसके बाद आरक्षण खिड़की पर किसी भी ट्रेन में सीट खाली नहीं होने की सूचना मिली. लोग मायूस हो गए.
पहले तो कोई जुगाड़ लग जाए और टिकट मिल जाए की उम्मीद थी. टिकट के इच्छुक लोग मारे-मारे फिरे, फिर बाद में कोई उपाय काम न आने पर निराश होकर धीरे-धीरे अपने घरों को वापस लौट गए. इस रूट से आगामी 12 सितंबर से कुल 4 जोड़ी विशेष रेलगाड़ियां चलने वाली हैं. जिसके टिकट की बुकिंग तो आज से शुरू हुई, और पहले ही दिन यात्रियों के हाथ निराशा लगी.
उल्लेखनीय है कि जून माह के पहले हफ्ते से इस रूट पर अप व डाउन में पवन, साबरमती, सरयू-जमुना व ताप्ती-गंगा एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही है. इन चारों ट्रेनों का अप साइड के सभी टिकट आगामी 31 अक्टूबर तक फुल हैं. इधर से जाने वाले सबसे ज्यादा यात्री अप साइड के ही हैं.
इधर बीते सप्ताह केंद्र सरकार व रेल मंत्रालय ने 12 सितंबर से विशेष ट्रेनें चलाने की घोषणा की. जिसमें 4 ट्रेनें आप व डाउन दोनों साइड के लिए इस रूट से गुजरेगी. जिसमें जयनगर-नई दिल्ली सेनानी एक्सप्रेस ट्रेन काही सुरेमनपुर में दैनिक ठहराव है. जबकि प्रत्येक शनिवार को वलसाड-मुजफ्फरपुर, प्रत्येक सोमवार को मुजफ्फरपुर- वलसाड, प्रत्येक सोमवार व शनिवार को चेन्नई-छपरा तथा प्रत्येक सोमवार बुधवार को छपरा-चेन्नई एवं प्रत्येक मंगलवार को डिब्रूगढ़- अमृतसर तथा प्रत्येक सोमवार को अमृतसर-डिब्रूगढ़ ट्रेन इस रुट से चलेगी.
सेनानी को छोड़कर शेष तीनों विशेष ट्रेनों का ठहराव सुरेमनपुर में न होकर छपरा व बलिया में होगा. उधर इस बाबत सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात वाणिज्य अधीक्षक विश्वजीत गांगुली से आरक्षित टिकटों के हालात के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जो नई चार ट्रेनें चली है, उसमें से सिर्फ सेनानी का ही चार टिकट बन पाया. उसके बाद सब टिकट फुल हो गए हैं. नई चली चारों विशेष रेलगाड़ियों के सभी आरक्षित टिकट अगले 120 दिनों के लिए फुल हो गए हैं. पहले से जो चार ट्रेनें चल रही है उनका भी आरक्षित टिकट 31 अक्टूबर तक फुल है. लोगों की परेशानी देखकर भी हम क्या कर सकते हैं. जब सभी टिकट फुल हो गए हैं तो हम क्या करें.