बैरिया (बलिया)। रागिनी दुबे के हत्यारों को फांसी की सजा, उसके परिवार को सुरक्षा, आर्थिक सहयोग तथा ऐसी व्यवस्था जिससे लड़कियों के साथ किसी भी तरह का कोई गलत व्यवहार न करे, जैसी मांग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने की है. उधर बजहां पहुंच कर पूर्व कैबिनेट मंत्री नारद राय के नेतृत्व में बसपा प्रतिनिधिमंडल ने रागिनी के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिया.
शनिवार की देर शाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने हॉस्पिटल मोड से रानीगंज चौक तक कैंडल मार्च निकाला. समापन पर एक सभा भी की. एबीवीपी के सदस्यों द्वारा रागिनी के चित्र और हाथ में कैंडल लिए निकले मौन जुलूस में काफी संख्या में क्षेत्र के विद्यार्थी तथा युवा व्यापारी भी शरीक हुए.
समापन सभा के दौरान एबीवीपी के सदस्यों ने आह्वान किया की सर्वप्रथम हम खुद ही अपने में सुधार लाएं, हम ऐसा माहौल बनाए कि समाज में जघन्य व शर्मनाक परिस्थितियां उत्पन्न ही न हो. हमारा प्रयास रहे कि बहन बेटियां अपने आप को सुरक्षित महसूस करें. रागिनी हत्याकांड के बाद से जनपद के राजनीति में उभरे क्रूर चेहरों पर भी वक्ताओं ने अपनी भड़ास निकाली. सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों को कटघरे में खड़ा किया और आह्वान किया कि ऐसी परिस्थितियों में मिलजुल कर कार्य करते हुए समाज को कम से कम अच्छा संदेश तो दे.
अंत में दो मिनट मौन रखकर दिवंगत की आत्मा की शांति व पीड़ित परिवार के सदस्यों को यह पीड़ा सहने की क्षमता प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की. इस अवसर पर अंजनी यादव, शैलेश सिंह, सौरभ सिंह, आशुतोष सिंह, अंकित, प्रशांत दुबे, अमन, राकेश वर्मा, रोहित, आनंद, शशिभूषण, हिमांशु सिंह, अजय पांडेय, अश्वनी पांडेय, गोलू मिश्र, ऋषभ सोनी, शुभम गुप्ता सहित दर्जनों युवा मौजूद रहे.
इसी क्रम में बसपा का प्रतिनिधि मंडल पूर्व मंत्री नारद राय के नेतृत्व में बजहां गांव जाकर रागिनी के परिजनों से मिलकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया. पूर्व मंत्री को मृतका के पिता जितेन्द्र दूबे ने विस्तार से घटना की जानकारी दी. पीड़ित परिवार को ढ़ांढ़स बंधाते हुए पूर्व मंत्री नारद राय ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था में पूरी तरह से फेल है. अपराधियों के हौसले बुलंद है.
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जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पीड़ित परिवार को कोई मदद मुहैया नहीं कराया, जो सरकार के संवेदनहीनता का परिचायक है. उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि नरही में जब विनोद हत्याकांड में परिजनों से मिलने सरकार के प्रतिनिधि के रूप में गया था तो पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी दिया था. राय ने योगी सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए दिल्ली के निर्भया कांड की याद दिलाया. कहा कि उस समय प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव न सिर्फ निर्भया के गांव पहुंचे, बल्कि पीड़ित परिवार के इच्छा अनुरूप विकास कार्य के साथ ही सहायता राशि भी उपलब्ध कराया था. लेकिन योगी सरकार रागिनी हत्याकांड को हल्के में ले रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग किया कि वे रागिनी के घर आये और पीड़ित परिवार को मुआवजा के साथ ही उसके एक बेटी को सरकारी नौकरी दें. प्रतिनिधिमंडल में डॉ. मदन राम, डॉ. इंदल राम, रणजीत भारती, राजकुमार पाण्डेय, ब्लाक प्रमुख गुड्डू राय, सतीश चौधरी नागा, जमाल आलम, श्रीकांत उपाध्याय, शिवानंद ओझा, नरेन्द्र पाण्डेय, फैयाज अहमद, महफूज आलम, सुरेन्द्र निषाद, भीम चौधरी, श्याम बिहारी पाण्डेय आदि शामिल रहे.