रास्ते व नाली के विवाद में चले लाठी डंडे व फायरिंग, दस घायल, पांच गम्भीर 

​विरोध में ग्रामीणों ने किया रास्ता जाम, एसएसआई के आश्वासन पर हटा जाम

रसड़ा (बलिया)। रसड़ा-कासिमाबाद मार्ग स्थित सिलहटा  गांव के समीप रविवार की दोपहर आक्रोशित ग्रामीणों ने घर में घुस कर मारने व गोली चलाने के  विरोध में सड़क जाम कर दिया. ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी एवं बन्दूक का लाइसेंस निरस्त करने की मांग कर रहे थे. एक घंटे तक  जाम के दौरान सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई.  सूचना पर पहुंचे  एसएसआई मोतीलाल पटेल के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जाम  समाप्त किया.  

सिलहटा गांव में रविवार को  11 बजे काफी दिनों से विवादित नाली  को लेकर सरवन एवं अवधेश में कहा सुनी होने लगी. दोनों की कहा सुनी जमकर मारपीट में तब्दील हो गयी. जमकर लाठी, डंडे चले. संघर्ष के दौरान गोली भी चली. बन्दूक की गोली से कोई हताहत नहीं हुआ.  इस संघर्ष में एक पक्ष के अंजू (20 वर्ष) पुत्री  खेदू राजभर, बबिता (18 वर्ष) पुत्री घुरहू राजभर,  नीतू (18 वर्ष) पुत्री शांता,  गुड़िया (15 वर्ष) पुत्री टुन्नू, हरेन्द्र  राजभर  (35 वर्ष)  पुत्र शिवलखन, अंशु (15 वर्ष) पुत्री हरेंदर, टुन्नू (45 वर्ष) पुत्र शिवलखन, मोतीसरी देवी (40 वर्ष) पत्नी टुन्नू राजभर, अशोक राजभर (40 वर्ष), शांता राजभर (56 वर्ष) घायल हो गईं.

सभी घायलों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कराया गया. जिसमें इलाज के दौरान अशोक, मोतीसरी देवी, अंशु,  टुन्नू, बबिता, अंजू हालत गम्भीर होने पर चिकित्सकों ने रेफर कर दिया. टुन्नू राजभर पुत्र शिव लखन कोतवाली में नौ लोगो के खिलाफ  तहरीर देकर आरोप लगाया कि आधे दर्जन से अधिक लोगों ने लाठी-डंडे और बंदूक से लैस होकर दौड़ाकर घर में घुस कर मारा पीटा. लाइसेंसी बंदूक से गोली भी चलाई. जो गोली दीवाल में जाकर लगी. पिछले तीन दिनों से नाली को लेकर विवाद चल रहा था. पुलिस भी पंचायत करा चुकी थी. नाली को लेकर दोनों पक्ष  आखिरकार रविवार को  आमने सामने ही गए.

इस घटना को लेकर गांव में तनाव का माहौल कायम है. जाम करने वालों में जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विनय राजभर, भासपा नेता दिनेश राजभर, पूर्व प्रधान महेन्द्र राम, विवेका यादव, सिंटू राजभर, शैलेश राजभर, रविन्द्र राजभर सहित महिलाये मौजूद रही. ग्राम प्रधान हरेन्द्र यादव ने बताया कि नाली के लिये विवाद था. कहा था कि चकरोड का पैमाइश करा दूँगा. मगर दो दिन छुट्टी के चलते पैमाइश नहीं हो सकी. विवाद पर पंचायत भी हुई थी.

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