- पंजीकरण के लिए 100 रुपया व लाइसेंस के लिए 2 हजार सालाना निर्धारित
बलिया : खाने पीने का सामान बेचने वालों के बाद अब कोटेदारों और शराब विक्रेताओं को भी खाद्य लाइसेंस लेना होगा. सब्जी के थोक कारोबारियों को भी यह लाइसेंस लेना अब जरूरी होगा. छोटे दुकानदारों को पंजीकरण कराना होगा, जबकि बड़े कारोबारियों को बाकायदा लाइसेंस लेना होगा. पंजीकरण शुल्क 100 रुपया वार्षिक है, वहीं लाइसेंस लेने के लिए दो हजार रुपये वार्षिक तय किया गया है.
पदाभिहित अधिकारी महेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि खाने पीने का सामान बेचने वालों के पंजीकरण के लिए पिछले हफ्ते ही अभियान शुरू किया गया है. इस बीच मुख्यमंत्री द्वारा इस अभियान के जरिये दूसरे विभागों को भी जोड़ने के निर्देश मिले हैं.
जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने शुरुआती दौर में 5 विभाग के अफसरों को निर्देशित कर संबंधित कारोबारियों का पंजीकरण कराने को कहा है. विभाग के मुताबिक, जिन सरकारी विभाग में सामान की सप्लाई हो रही है, सप्लायर का लाइसेंस जरूरी होगा.
इन पांच विभागों की भी जिम्मेदारी तय
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा पांच विभागों के साथ मिलकर पंजीकरण अभियान चलाया जा रहा है. आबकारी विभाग शराब विक्रेताओं का और मंडी विभाग सब्जी और फल के थोक विक्रेताओं का लाइसेंस बनवाएंगे. आपूर्ति विभाग समस्त कोटेदार, राइस मिलर और फ्लोर मिल का, मार्केटिंग विभाग सभी किराना और गल्ला मंडी दुकानदारों का पंजीकरण या लाइसेंस बनवाएंगे. बाल विकास पुष्टाहार विभाग को पंजीरी सप्लायर व दलिया फैक्ट्री का लाइसेंस बनवाने की जिम्मेदारी दी गई है.
बाजार और मंडी का होगा सर्वे
खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीमें पंजीकरण के लिए संबंधित विभागों से जुड़े बाजार और मंडियों का सर्वे कर दुकानों की सूची तैयार करेगी. अभियान के दौरान संबंधित विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे और कैंप लगाकर दुकानदारों का पंजीकरण किया जाएगा.