
चिलकहर से गोपीनाथ चौबे की रिपोर्ट
चिलकहर : जहां एक ओर सरकार स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत की राह पर चल पड़ी है, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों की उदासीनता से लोग गंदगी के अंबार में जीने के लिए मजबूर हैं. शहर तो शहर गांवों में गलियां- नालियां अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है.
विकास खण्ड चिलकहर की ग्राम पंचायत संवरा के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं का कहना है कि ग्राम सभा के प्रधान और कर्मचारियों के रवैये से गांव की गलियां और नालियां कचरे से बजबजा रही है. मच्छरो का प्रकोप बढ़ रहा है जिससे संक्रामक रोगों के फैलने की प्रबल आशंका बनी हुई है.
आम रास्तों और गलियों में शीलन-कीचड़ से सभी परेशान हैं. आखिरकार संवरा गांव के बन्ती मुहल्ला वार्ड संख्या 7 के ग्राम पंचायत सदस्य विजय प्रजापति के साथ मुहल्ले के युवाओं ने धन संग्रह कर नालियों- गलियों की सफाई की. पिछले ग्राम पंचायत चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे गांव के ही समाजसेवी अंजनी कुमार सिंह के नेतृत्व मे युवाओं और मजदूरो ने कुछ जगहों पर सफाई की.
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गांव के लोग इस बदतर हालत के लिये ग्राम प्रधान सफाई कर्मचारियों को जिम्मेदार मानते है. जनप्रतिनिधियों की अकर्मण्यता और उदासीनता से उनमें काफी आक्रोश देखा जा रहा है. ग्रामवासियों ने ग्राम के दुर्दशा की तरफ शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है.