रांची। झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार का निधन शुक्रवार सुबह हो गया. उन्होंने आज सुबह 5:16 बजे अंतिम सांस ली. इसी वर्ष प्रशांत कुमार ने झारखंड हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था. जस्टिस प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बैरिया थाना क्षेत्र के गोन्हिया छपरा के रहने वाले थे. जस्टिस प्रशांत कुमार का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए 2:30 बजे हाई कोर्ट ले जाया गया.
उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ने नोटिस जारी कर कहा है कि जस्टिस प्रशांत कुमार के सम्मान में 30 अगस्त को झारखंड हाइकोर्ट समेत राज्य के सभी कोर्ट बंद रहेंगे. प्रदेश की किसी भी अदालत में शुक्रवार को कोई भी कामकाज नहीं हुआ.
जस्टिस प्रशांत कुमार 61 वर्ष के थे. उनका जन्म एक जुलाई 1958 को हुआ. उनकी प्रारंभिक शिक्षा छपरा, बिहार के बिशेश्वर सेमिनरी स्कूल से हुई. उन्होंने बनारस के उदय प्रताप सिंह कॉलेज से साइंस में स्नातक किया. वे एक अक्टूबर 1980 को एक अधिवक्ता के रूप में बिहार राज्य बार काउंसिल से जुड़े. उन्होंने वकील के तौर पर पटना हाई कोर्ट में लंबे समय तक प्रैक्टिस की.
19 मई 2016 को उनका तबादलता इलाहाबाद हाई कोर्ट में किया गया। 10 मई 2019 को इलाहाबाद हाई कोर्ट से स्थानांतरित होकर उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में जज के रूप में शपथ ली. 7 जून 2019 से अब तक वे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्यरत रहे.
ज्ञात हो कि हाइकोर्ट में सबसे वरीय होने के नाते उन्हें झारखंड हाइकोर्ट का कार्यवाहक चीफ जस्टिस बनाया गया था. इससे पहले 21 जनवरी 2009 में जस्टिस प्रशांत कुमार ने झारखंड हाइकोर्ट के जज के रूप में योगदान दिया था. मई 2016 में झारखंड से उनका तबादला इलाहाबाद हाइकोर्ट कर दिया गया.
अपनी बीमारी का हवाला देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम से झारखंड हाइकोर्ट तबादला करने की गुहार लगायी थी. इसके बाद फिर उन्हें झारखंड हाइकोर्ट में पदस्थापित किया गया.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दिवंगत जस्टिस प्रशांत कुमार के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि झारखंड उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार जी के निधन पर मेरी संवेदनाएं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे तथा शोक संतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी में संबल प्रदान करे.