कलेक्ट्रेट सभागार में हुई कार्यशाला में बालिका सुरक्षा के हर पहलुओं पर हुई चर्चा
अगर बालिकाओं के साथ कोई शोषण हो तो माता-पिता को अवश्य बताएं: अन्नपूर्णा गर्ग
बलिया। बालिका सुरक्षा के दृष्टिगत जुलाई माह में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान ‘कवच’ के प्रशिक्षकों की ट्रेनिंग कार्यक्रम सभागार में हुई. इसमें हर थानों पर बाल कल्याण अधिकारी के रूप में तैनात दरोगा व बालिका सुरक्षा से जुड़े अधिकारी मौजूद थे. इसमें बतौर मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी (बांसडीह) अन्नपूर्णा गर्ग ने बालिका सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं को सबसे साझा किया. जुलाई महीने में चल रहे अभियान में इससे जुड़े अफसर विभिन्न स्कूलों में कैंप लगाकर बालिकाओं को सुरक्षा से जुड़े टिप्स दे रहे हैं.
कार्यशाला की शुरुआत एसडीएम अन्नपूर्णा गर्ग, समाज कल्याण अधिकारी तिलकधारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी केके राय व सीओ अवधेश चौधरी ने मां सरस्वती के समक्ष दीप जलाकर किया. फिर जीजीआईसी की छात्राओं ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की. इसके बाद प्रदेश मुख्यालय लखनऊ से आए मुख्य ट्रेनर प्रतीक श्रीवास्तव ने सभी को प्रोजेक्टर के माध्यम से बालिका सुरक्षा से संबंधित आवश्यक बातों को समझाया. यह दिखाया कि किन जरूरी बातों का ध्यान रखकर बालिकाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर सकती हैं. मुख्य अतिथि एसडीएम अन्नपूर्णा गर्ग ने इन्हीं सब बातों को बालिकाओं के बीच रख उन्हें जागरूक करने पर बल दिया. कहा, बालिकाओं को बताया जाए कि कभी भी वे अपने साथ हुए शोषण को खुद तक सीमित न रख उसे अपने माता-पिता को अवश्य बताएं. तभी आगे बड़ी परेशानी से बच सकती हैं. बताया कि इस प्रकार की कार्यशाला कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है. सीओ सदर अवधेश चौधरी ने बताया कि प्रत्येक थाना स्तर पर हर रोज किसी न किसी विद्यालय में पुलिस विभाग द्वारा जागरूक किया जा रहा है. प्रभारी बीएसए सुभाष गुप्ता ने बेसिक शिक्षा विभाग को भी इस अभियान के साथ जोड़ने का संकल्प लिया. कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रोबेशन अधिकारी केके राय ने अभियान के संचालन की जानकारी देते हुए पुलिस व अन्य विभागों को इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की. कार्यक्रम में 181 महिला हेल्पलाइन, वोमेन पावर हेल्पलाइन 1090, चाइल्ड लाइन टोल फ्री नंबर 1098, पुलिस विभाग के टोल फ्री नंबर डायल हंड्रेड, कन्या सुमंगला योजना दहेज प्रतिषेध अधिनियम के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा किया गया.
बच्चियों और किशोरियों की सुरक्षा के दिए अलग-अलग टिप्स
प्रशिक्षण बालिका सुरक्षा के दो पहलुओं को देख कर दिया गया. पहला छह साल तक की बच्ची की सुरक्षा कैसे हो और दूसरा, किशोरियां खुद की सुरक्षा कैसे कर सकें. ट्रेनर प्रतीक श्रीवास्तव ने प्रोजेक्टर के माध्यम से विभिन्न बिंदुओं को समझाया और उसे पूरे जनपद में जागरूकता अभियान के द्वारा बालिकाओं के बीच रखने की आवश्यकता जताई. कार्यशाला में जिला विद्यालय निरीक्षक भास्कर मिश्रा, नेहरू युवा केन्द्र के समन्वयक कपिलदेव राम, श्रम विभाग व जीआरपी के अधिकारी, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी अर्चना दूबे, प्रशांत पांडे, जेपी यादव समेत जिले की बालिका विद्यालय की प्रधानाध्यापिकाएं मौजूद थीं.