बैरिया: दुबेछपरा रिंग बंधा कटने के बाद करीब दो दर्जन गांवों के लोग एनएच-31 के दोनों किनारों पर शरण लिए हुए हैं. पशुपालकों के समक्ष अब पशु चारा का संकट गहराने लगा है.
हालांकि जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग ने प्रति पशु, प्रति बेला 5 किलोग्राम भूसा उपलब्ध कराने का दावा किया था. मुरली छपरा, पांडेपुर, दयाछपरा, प्रसादछपरा आदि गांवों के बंधे पर शरण लिए पशुपालकों ने एक बार 15 किलोग्राम के हिसाब से भूसा मिलने की बात बताई.
मजबूरी में पशुपालक एनएच के उत्तर तरफ के खेतों के किसानों से बात कर घास काट कर ला रहे हैं. बंधे पर ही कुट्टी काटकर अपने पशुओं को खिला रहे हैं. भूसा बांटने वाले लेखपालों से पूछने पर उनका कहना था कि उपलब्धता के आधार पर भूसा बांटा गया है,