जिले में 17 से 29 फरवरी तक चलेगा फाइलेरिया उन्मूलन अभियान

  • डीएम ने जिला टास्क फोर्स की बैठक में की तैयारियों की समीक्षा
  • जिले के करीब 29 लाख व्यक्तियों को दवा खिलाने का लक्ष्य

बलिया: फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में 17 से 29 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत जनपद में करीब 29 लाख लोगों को फाइलेरिया की दवा (डीईसी और एल्बेण्डाज़ोल) उनके वजन और आयु के आधार पर खिलाई जाएगी.

जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक कर अभियान की तैयारियों की समीक्षा की.

उन्होंने कहा कि आशा व एएनएम के जरिए गांव-गांव में इसका प्रचार-प्रसार हो, ताकि शत प्रतिशत लोगों को दवा खिलाकर फाइलेरिया को जड़ से समाप्त किया जा सके.

इसकी जिले से पीएचसी स्तर तक लगातार मॉनिटरिंग भी होती रहे. जिलाधिकारी ने आम जनता से भी अपील किया है कि 17 से 29 फरवरी के बीच इस निःशुल्क दवा को जरूर खाएं.

बैठक में नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ जेआर तिवारी ने बताया कि अभियान के तहत दो वर्ष से कम आयु वालों, गर्भवती और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी.

यह भी बताया कि एक सर्वे के दौरान माइक्रो फाइलेरिया स्वस्थ दिखने वाले लोगों में 9 से 26 फीसदी तक पाया गया है जो कि 8 से 10 साल बाद हाथीपाँव एवं हाइड्रोसील के रूप में उभरकर सामने आता है. इस रोग का संक्रमण अधिकतर स्कूल जाने वाली आयु में होता है.

फाइलेरिया के कीटाणु शरीर के लसिका तंत्र को कमजोर कर देते हैं. वहीं, सही समय में इस संक्रमण का इलाज नहीं किया जाए तो बाद में संक्रमण बढ़ जाता है जिसकी वजह से शरीर के अंग असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं.

यह मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यता हाथीपाँव के नाम से जाना जाता है. पेशाब में सफेद रंग के द्रव्य का जाना, जिसे कईलूरिया भी कहते हैं, फाइलेरिया का ही एक लक्षण है.

इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन की समस्या आती है.

फाइलेरिया होने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है. बैठक में सीएमओ डॉ प्रीतम मिश्र, एडीएम रामआसरे, सिटी मजिस्ट्रेट बृजकिशोर दूबे, नपा अध्यक्ष अजय कुमार, ईओ दिनेश विश्वकर्मा समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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