नहरों में पानी न छोड़े जाने से किसानों की मुश्किले बढ़ीं

धान की नर्सरी व रोपाई के लिये नहरों में पानी छोड़े जाने की उठी मांग

रसड़ा (बलिया) से संतोष सिंह

रसड़ा क्षेत्र के शारदा सहायक उप नहर शाखाओं में पानी न छोड़े जाने के कारण भीषण गर्मी में जहां सीमावर्ती पशु पक्षिओं को पानी पीना मुश्किल हो गया है, वहीं पानी के अभाव में नहर के किनारे व आसपास के किसानों की धान की नर्सरी नहीं लग पायी है. इस बात को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गयी है. किसानों ने जिलाधिकारी सहित सम्बन्धित विभाग के उच्चाधिकारियों से ध्यान आकृष्ट करवाते हुए अविलंब पानी छोड़े जाने की मांग की है.

बताते चले कि एक जून से 15 जून तक किसान अमूमन किसी प्रकार से नहर आदि के पानी के जुगाड़ से खेतों में धान की नर्सरी लगा लेता था और 15 जून से 15 जुलाई तक मानूसन आने अथवा नहर के पानी के भरोसे खेतों में धान की रोपाई कर लेते हैं.

किन्तु इस बार सिंगही, अमहर, सुल्तानपुर, माधोपुर, कटहुरा, नागपुर, रामपुर सहित दर्जनों गांवों से होकर गुजरने वाली विभिन्न नहर शाखाओं में पानी न छोड़े जाने से सुखी नहरे किसानों के लिये अभिशाप सिद्ध हो रही हैं.

किसानों ने आरोप लगाया कि यदि नहर खुदाई के नाम पर उनकी जमीनों को लिया गया है तो सरकार का भी दायित्व है कि वे कृषि एवं किसान हित में समय-समय पर नहरों में पानी छोड़ने का काम करें. किसान अंजनी यादव, प्रधान प्रतिनिधि महेश यादव, रामजी यादव, पूर्व प्रधान रमाशंकर यादव, मनीष तिवारी, अजित सिंह, पारसनाथ, बसपा नेता हाजी नुरूल बसर अंसारी, बीरबल राम, प्रधानसंघ के पूर्व महामंत्री अरूण सिंह मुन्ना एडवोकेट राजीव सिंह सबलू ने शासन प्रशासन से क्षेत्र के नहरों में अविलंब पानी छोड़ने की मांग की है

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