


बलिया. जिला मजिस्ट्रेट अदिति सिंह ने गुण्डा एक्ट अधिनियम के तहत दस लोगों को छह महीने के लिए जिला बदर किया है. वहीं छह लोगों पर इस अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के लिए जारी कारण नोटिस वापसी की कार्यवाही की है.
जिलाधिकारी ने जिन लोगों को जिला बदर किया है उनमें गोलू पासवान निवासी सुखपुरा थाना सुखपुरा, संगम यादव निवासी बिलारी थाना सुखपुरा, अखिलेश गुप्ता निवासी बाटा गली बेल्थरारोड, कृष्णा सोनी निवासी चितबड़ागांव कस्बा, राकेश सिंह निवासी हल्दी बगीचा टोला, बलवंत निवासी ताड़ीबड़ागांव थाना नगरा, बांसडीह रोड थाने के टकरसन निवासी वीरेंद्र वर्मा, शिवजी वर्मा, मोहन वर्मा व सर्वेश वर्मा शामिल हैं.
वहीं धनन्जय सिंह उर्फ पिंटू निवासी सरदहीं थाना खेजुरी, पवन यादव निवासी भटवलिया थाना रेवती, चन्द्रजीत प्रजापति व राजकुमार प्रजापति निवासी भुजैनी थाना भीमपुरा, पंकज सिंह निवासी जापलिनगंज थाना कोतवाली बलिया, धर्मवीर सिंह निवासी नवकापुर बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव के खिलाफ जारी कारण बताओ नोटिस वापस लेने का निर्णय जिला मजिस्ट्रेट अदिति सिंह ने लिया है.
स्वास्थ्य अधिकारी ईमानदारी से करें अपना काम-जिलाधिकारी
बलिया. जिलाधिकारी अदिति सिंह ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की. स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकांश योजनाओं में खराब स्थिति मिलने पर सीएमओ तन्वय तक्कड़ व कई प्रभारी चिकित्साधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. बैठक में अनुपस्थित रहे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को जो मनमानी से छुट्टी चले गए हैं उनको नोटिस जारी करने का आदेश दिया. साथ ही स्वास्थ्य विभाग के जो अधिकारी-कर्मचारी अच्छा कार्य कर रहे है उनका सहयोग करने का आदेश सीएमओ को दिया.
एमओआईसी के स्थानांतरण के संबंध में संबंधित अधिकारियों से जानकारी मांगी और जिन जगहों पर उनका हस्तांतरण बिना वजह कर दिया गया है उन्हें वापस बुलाने के लिए सीएमओ को आदेश दिया. जिन एमओआईसी का कार्य ठीक नहीं है उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही करने का आदेश दिया।उन्होंने कहा कि जनता की स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए. उन्होंने कहा कि जिले को अपनी मर्जी से ना चलाएं. अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करें और बेवजह के अहंकार से बचे।डीपीसीएम नरही के बैठक में उपस्थित न रहने पर उन्हें तत्काल बैठक में आने के लिए आदेश दिया.
कोविड टीकाकरण के लिए उन्होंने गांवो को चिन्हित करने के लिए कहा जिससे कि वैक्सीनेशन अच्छे से हो सके. समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने पाया की बांसडीह, नरही, रेवती और दूबहर की स्थिति वैक्सीनेशन में सबसे खराब है. उन्होंने कहा कि जिन गांव में वैक्सीनेशन ठीक से नहीं हुआ है उनकी सूची बना ली जाए और यह चिन्हित कर लिया जाए कि कितने लोगों को वैक्सीन का पहला डोज और कितने लोग को वैक्सीन का दूसरा डोज लग चुका है.
‘दस्तक अभियान’ में बलिया का स्थान औसत से भी नीचे है. इस संबंध में उन्होंने सीएमओ को आदेश दिया कि यह अभियान अच्छे से चलाया जाए. अस्पतालों में गठित कोल्डचैन के संबंध में भी जिलाधिकारी ने शिकायत पाई. वेस्ट मैनेजमेंट को ठीक कराने को कहा. उन्होंने कहा कि अगर संबंधित एजेंसी ठीक से काम नहीं कर रही है तो उसे हटा दिया जाए.

जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों से आशाओं और एएनएम का भुगतान बेवजह न रोकने को कहा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी आशाओं और एएनएम के साथ अच्छा व्यवहार करें. उन्होंने कहा कि वेयरहाउस में दवाओं की किसी भी प्रकार से कमी ना होने पाए. आशाओं को ठीक से ट्रेनिंग देने को कहा और कहा कि आशाओं और एएनएम को पर्याप्त उपकरण दिए जाए जिससे कि वह घर घर जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर सके. इस बैठक में जिलाधिकारी के अतिरिक्त मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी तन्मय कक्कड़ के अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
बलिया: अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि शासन की ओर से ईंट भट्ठा सत्र 2021-22 (अक्टूबर 2021 से प्रारम्भ) का विनियमन शुल्क जमा कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं. इसके अन्तर्गत जनपदों में विभिन्न श्रेणी के संचालित साधारण ईट-भट्ठे तथा जिग-जैग ईट-भट्ठे शामिल हैं.
एडीएम ने समस्त समस्त ईट भट्ठा संचालकों से कहा है कि वह अपने सभी पुराना बकाया सहित वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 का विनियमन शुल्क जमा कराने के बाद ही ईट भट्ठे का संचालन करें. विनियमन शुल्क जमा नहीं करने पर ईट-भट्ठे के संचालन की अनुमति नहीं दी जायेगी और संचालन की दशा में विधिक कार्रवाई की जाएगी.
जनपद को प्राप्त हुआ 1630 मेट्रिक टन पीपीएल फास्फेट उर्वरक
बलिया.शासन कृषकों को कृषि इनपुट उपलब्ध कराने हेतु कटिबद्ध है इसी क्रम में जनपद बलिया को फेफना रेक पॉइन्ट से 1630 मेट्रिक टन पीपीएल फास्फेटिक उर्वरक प्राप्त हुआ है. जिसे थोक व्यवसायियों के माध्यम से 240 रिटेल उर्वरक केंद्रों पर पहुंचाया गया है. विकासखंड रसड़ा में 14 , नगरा में 16 ,सियर में 15 , चिलकहर में 15 , नवानगर में 17 , बेरुआरबारी में 11 , पंदह में 12 , मनियर में 14 , बांसडीह में 16 ,दुबहर में 16 , हनुमानगंज में 15 , बेलहरी में 13 ,गड़वार में 14 , सोहांव में 14 , बैरिया में 12 , रेवती में 14 व मूरलीछपरा में 12 निजी उर्बरक बिक्रेताओं के यहां भेजा गया है. जनपद में नवंबर माह तक फास्फेटिक उर्वरकों का लक्ष्य 16 हजार मेट्रिक टन है जिसके सापेक्ष अब तक 11,000 मैट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक प्राप्त हो चुका है. जनपद स्तर से सहकारिता क्षेत्र हेतु एक फुल रेक 2600 मैट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक का मांग पत्र शासन स्तर पर भेजा गया है , इफको डीएपी शीघ्र ही जनपद को प्राप्त होना संभावित है.
उपरोक्त दुकानों पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगा कर खाद वितरण का कार्य कराया जा रहा है. अनियमितता बरतने पर जनपद रबी सीजन में 14 उर्बरक दुकानें निरस्त की गई है और 1 दुकान सीज की गई है।साथ ही साथ उन बिक्रेताओं की सूची तैयार की जा रही है जिनके पास मशीन स्टॉक और गोदाम में उपलब्ध स्टॉक में अंतर है, इनके खिलाफ FCO1985 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत FIR की भी कार्यवाही कराई जाएगी. किसान भाई आधार नंबर और जोत बही के माध्यम से उर्बरक की खरीद अपनी आवश्यकता के अनुसार कर सकते है और उर्वरक संबंधी किसी भी समस्या के निस्तारण हेतु जनपद स्तर पर उर्वरक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिसका मोबाइल नंबर 783988 2474 है. इस पर कोई भी कृषक प्रातः 10 बजे से सायंकाल 5बजे तक संपर्क कर अपनी समस्या से अवगत करा सकते हैं. यह जानकारी जिला कृषि अधिकारी विकेश कुमार ने दी.
(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)