
जिलाधिकारी ने स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत कचरा मुक्त जनपद के लिए दिए आवश्यक दिशा निर्देश
बलिया. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में पंचायती राज विभाग/जिला स्वच्छ भारत मिशन मैनेजमेंट कमेटी द्वारा स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत “कचरा मुक्त जनपद” पखवाड़े का शुभारंभ, जो 15 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर 2023 तक आयोजित किया जा रहा है, किया गया. इस दौरान जनपद को स्वच्छ रखने के लिए जिलाधिकारी द्वारा वहां उपस्थित सभी अधिकारियों को शपथ दिलाई गई.
पंचायती राज अधिकारी ने बताया कि स्वच्छता ही सेवा 2023 की थीम ‘कचरा मुक्त भारत’ है जिसका उद्देश्य साफ- सफाई और सफाई मित्रों के कल्याण व समृद्धि से संबंधित है विगत वर्षों की तरह स्वच्छता गतिविधियों की भावना से जन सहयोग के श्रमदान से ही इस अभियान को सफल बनाना है.
जिलाधिकारी ने सभी सार्वजनिक स्थानों,जहां लोगों का बहुतायत मात्रा में आवागमन होता है, जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, पर्यटन स्थल, चिड़ियाघर, राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण, ऐतिहासिक स्मारक, नदियों के किनारे, घाट, नालियां और नाले की साफ- सफाई करने का निर्देश दिया. इसके अलावा सभी कार्यालयों, सार्वजनिक शौचालय, अपशिष्ट परिवहन वाहन एवं संरक्षित क्षेत्र में कूड़ा कचरा की सफाई तथा प्लास्टिक/ पॉलिथीन फैलाने से रोकने के लिए नियमानुसार कार्यवाही की जाए.
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उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत में ऐसे स्पाट चिन्हित करें, जहां अमूमन कचरा पड़ा रहता है, इसे ग्राम सचिव के माध्यम से सफाई के पहले और सफाई के बाद की स्थिति का आंकलन रिपोर्ट मांग कर कार्रवाई करें. उन्होंने सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए “हरा गीला सूखा नीला अभियान” चलाए जाने पर जोर दिया. इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा, जिला विकास अधिकारी राजित राम मिश्र सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
कचरा मुक्त जनपद बनाने के लिए जिलाधिकारी ने दिलाई शपथ
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के द्वारा बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को जनपद को कचरा मुक्त बनाने की शपथ दिलाई गई जो इस प्रकार है ” मैं शपथ लेता/ लेती हूं कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा /रहूंगी और उसके लिए समय दूंगा/ दूंगी.
हर वर्ष 100 घंटे यानी हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता की संकल्प को चरितार्थ करूंगा /करूंगी। मैं गंदगी न करूंगा /करूंगी ना किसी और को करने दूंगा/ दूंगी। सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मोहल्ले से, मेरे गांव से एवं मेरे कार्य स्थल से शुरुआत करूंगा/ करूंगी। मैं यह मानता/ मानती हूं कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं, उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक गंदगी नहीं करते और ना ही होने देते हैं.
मैं आज जो शपथ ले रहा/ रही हूं, वह अन्य सब व्यक्तियों से भी करवाऊंगा/ करवाऊंगी कि वह भी मेरी तरह स्वच्छता के लिए 100 घंटे दें. इसके लिए प्रयास करूंगा /करूंगी. इस विचार के साथ मैं गांव- गांव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूंगा/ करूंगी। मुझे मालूम है कि स्वच्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा.
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केके पाठक की रिपोर्ट