नरही. बलिया. गाजीपुर जिले के लटठूडीह में चल रहे धरना प्रदर्शन को लेकर जिला प्रशासन भी सक्रिय दिखाई दिया और रविवार को मगई नदी में लगाए गए बांस और जाल को खुलवाया गया.
इन दिनों गाजीपुर से लेकर बलिया जिले में बाढ़ और बारिश का पानी खेतों में भरा हुआ है. इसको लेकर किसानों को काफी नाराजगी है. इसकी मुख्य वजह तीन महीने पहले बाढ़ का खेतों में पहुंच गया. इसके बाद बेमौसम बारिश से हुई. बारिश ने मुसीबत बढ़ा दी, जिसके कारण गाजीपुर और बलिया जिले के करीब दस हजार एकड़ खेत पर आज भी जलजमाव है. किसान इस लिए परेशान हैं कि धान की खेती तो नष्ट हो गई अब रबी की फसल भी नहीं हो पाएगी.
रविवार को एसडीएम सदर जुनैद अहमद सीओ सदर जगवीर सिंह चौहान नरही थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह चितबड़ागांव थाना प्रभारी निहारनन्दन कुमार पूरे दल बल के साथ मौके पर कैथवली गांव के बड़ौरा गांव के पास मगई नदी में लगाएं गये. जाल के पास पहुंचे और उसे गोताखोरों के माध्यम से खुलवाया, फिर बगल में एक और जाल को हटवाया गया. जिला प्रशासन इस बात को लेकर गंभीर रहा कि कहीं गाजीपुर जिले के किसान फिर न आ धमके. गाजीपुर जिले के सैकड़ों किसानों ने 14 अक्टूबर को दौलतपुर पुल के पास लगाएं गये जाल को लेकर दौलतपुर गांव के किसान संजय सिंह से मारपीट की थी. इस बात को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद दिखा और जो भी मगई नदी में में जहां भी बांस बल्ली दिखाई दिया उसे तुरंत हटवाया गया.
इस समय करईल इलाके में खेतों में जलजमाव गंभीर समस्या बन गया है किसानों का आरोप है कि मगई नदी में जाल लगाने से पानी का निकास धीमी गति से हो रहा है. जब कि मछुआरों का कहना है कि टोंस नदी में पानी भरा होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है. कुल मिलाकर खेतों में लगा पानी जिला प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बन गया है. किसान भी परेशान हैं कि उनकी रबी की फसल नहीं हो पाएगी.
मछुआरों ने बताया कि टोंस नदी में जब-तक पानी कम नहीं होगा मगई नदी का पानी नीचे जाने वाला नहीं है, क्योंकि मगई नदी रामपुर गांव के पास टोंस नदी में मिलती है और टोंस नदी हसनपुरा गांव के पास गंगा में मिलती है.
(नरहीं से विश्वभर प्रसाद की रिपोर्ट)