सीएचसी और पीएचसी के साथ ही मरीजों की परेशानियां भी कायम

रविशंकर पाण्डेय

बांसडीह : सरकार द्वारा की गयी व्यवस्था शायद अव्यवस्था में तब्दील होती दिख रही है. आम जन को कोई परेशानी न होने देने के सरकार के निर्देश भी आते रहते हैं. अनुपालन कितना होता है, यह तो हालात ही बताते हैं.

अगर बांसडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की बात करें तो यहां मरीजों को आये दिन कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. हाल तो जैसे बेहाल ही हो गया है.

दो सप्ताह से नहीं है रैबीज इंजेक्शन

बांसडीह सीएचसी पर दो सप्ताह से एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. प्रत्येक दिन क्षेत्र के दर्जनों लोगों को इस कारण सीएचसी से खाली लौटना पड़ रहा है. वहीं प्राइवेट मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन खरीदकर लोग ठगा महसूस कर रहे हैं.

आखिर कहां जा रहा है सरकारी इंजेक्शन

हालांकि सरकार की तरफ से रैबीज इंजेक्शन हर जगह उपलब्ध कराया गया है. अब सवाल उठता है कि कहां जा रहा है सरकारी इंजेक्शन. बताते चलें कि बांसडीह पीएचसी और सीएचसी पर विगत दो सप्ताह से एंटी रैबीज इंजेक्शन खत्म हो गये हैं

इस वजह से अनेक मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. नगर क्षेत्र से कुत्ते या बंदर के काटे हुए मरीज स्वास्थ्य केंद्र पर तो आते हैं परंतु रैबीज इंजेक्शन न उपलब्ध होने का हवाला देकर स्वास्थ्य कर्मी उन्हें बैरंग लौटा देते हैं.

सक्षम मरीज बाहर से लेते हैं रैबिज इंजेक्शन

जो मरीज सक्षम होते हैं वे बाहर के मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन ले रहे हैं. अब इसे गरीब-असहाय मरीजों की किस्मत कहें या महकमे की क्रूरता, उनको तो पीएचसी-सीएचसी की ही आस रहती है. नतीजतन वे रोग के शिकार हो जाते हैं.

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