
मेले की परम्परा आज भी है जीवन्त
शनिवार को रही अच्छी खासी भीड़ भाड़
बैरिया(बलिया)। अपने आप में आज भी अपनी मौलिक परम्पराओं को सुदिष्ट बाबा का धनुषयज्ञ मेला समेटे हुए है. अगर कोई मेंले मे आए और बाबा की समाधि पर मत्था न टेके, मेले मे सब्जी के साथ गुड़ही जलेबी का स्वाद न चखे तो कुछ नही किया. यही तो इस मेला का असली स्वरूप है. यद्यपि कि छपरा व बलिया से आने वाली पैसेन्जर ट्रेनों के विलम्बित होने अथवा निरस्त होने से दलछपरा, रेवती, सहतवार, छाता, बासडीह तथा दूसरी तरफ बकुल्हां व बिहार के मेलार्थियों का आवक कुछ कम है, बावजूद इसके शनिवार को मेला की भीड़ चरम पर रही.
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फिर मेले मे आए फास्ट फूड की दुकानो, चर्खी झूला, ब्रेक डांस आदि खेल तमाशों पर आलम टूट पड़ा दिखा. मेले मे आए दुकानदार भी प्रसन्न दिखे. मेले मे परम्परागत सामानों की विक्री बढ चली है.
उधर मेले मे शान्ति व्यवस्था कायम रखने के लिए थाना मीनाबाजार (अस्थायी) पर तैनात किए गए पुलिस व होमगार्ड के जवान उपनिरीक्षक रवीन्द्र नाथ पाण्डेय के देख रेख मे चौकसी बनाए हुए है. थानाध्यक्ष गगन राज सिंह व क्षेत्राधिकारी तथा एसडीएम भी मेले मे आकस्मिक दौरा कर रहे है. उधर मेला प्रबन्ध समिति के कैम्प पर भी समिति के सदस्य 24 घंटे उपस्थित रह कर मेला की व्यवस्था पर नजर बनाए हुए है.
प्रकाश, पेयजल, स्वच्छता आदि समस्याओं का तत्काल तत्काल निस्तारण करने की कोशिश की जा रही है. कल रविवार को अवकाश का दिन होने के चलते काफी भीड़ उमड़ने के कयास लगाए जा रहे है। उसके लिए भी तैयारी कर ली गई है.