रामकथा में हनुमान जन्म की कथा सुनकर भाव विभोर हुये लोग

  • रुद्रमहायज्ञ में सैकड़ों लोग रोज कर रहे हैं यज्ञ मण्डप की परिक्रमा

दुबहर : क्षेत्र के अखार गांव स्थित बाबा तेजेस्वर नाथ महादेव मन्दिर परिसर में हो रहे रुद्रमहायज्ञ की रामकथा में प्रसिद्ध कथावाचक मानस मर्मज्ञ सन्दीपाचार्य ने मंगलवार की रात हनुमान जन्म की कथा सुनायी.

उन्होंने कहा कि भगवान शंकर के ही अपने एकादश अंश हर से हनुमान बने और केसरी वानर के यहां जन्म लिए. इसलिए हनुमान चालीसा में बताया गया कि ‘संकर सुअन केसरी नंदन।तेज प्रताप महा जग वंदन।।’

कथावाचक ने कहा कि हनुमान जन्म की दूसरी कथा यह भी आती है कि राजा दशरथ के पुत्रेष्टि यज्ञ करने के बाद जब तीनों रानियों के बीच खीर का वितरण होने लगा तो एक गिद्ध ने कैकेई के हिस्से के खीर से कुछ अंश झपट लिया और उड़ गई. वह पूर्व जन्म में सुवर्चला नाम की अप्सरा थी जो दुर्वासा के शाप से गिद्धी बन गई थी.

उन्होंने कहा कि रास्ते में खीर का कुछ अंश केसरी की पत्नी अंजनी, जो सूर्यार्घ्य दे रही थी, पवन के झकोरे से उसके अंजलि में गिरा. उसी प्रसाद को ग्रहण करने से अंजनी के गर्भ से हनुमान जी का जन्म हुआ.

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कथावाचक संदीपाचार्य ने कहा कि इसलिए हनुमान चालीसा में बताया गया कि- ‘रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनी पुत्र पवन सुत नामा’ कहलाये. इस दौरान यज्ञ में सैकड़ों लोगों ने यज्ञ मण्डप की परिक्रमा की.

इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि सुनील सिंह, जय कुमार सिंह, भोला सिंह, पिंटू सिंह, अरुण सिंह, अशोक सिंह, आचार्य मोहित दुबे, अंजनी, राजेश, बिट्टू, सोनू, कमेस्वर सिंह आदि लोग रहे.

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