बैरिया, बलिया. डेंगू के रोकथाम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कोई व्यवस्था नहीं है। ना तो कहीं कंट्रोल रूम, ना कहीं अलग अस्पताल, नहीं छिड़काव, अपने हाल पर जीने को विवश है ग्रामीण क्षेत्र के लोग।
वहीं प्रदेश प्रदेश सरकार ने ब्लॉक स्तर पर डेंगू के रोकथाम के लिए कंट्रोल रूम बनाने छिड़काव व अस्पतालों की व्यवस्था के निर्देश जारी कर चुकी है। किंतु उसका कोई भी असर यहां धरातल पर नहीं दिखता है। और बात तो दूर यहां डेंगू जांच की भी व्यवस्था किसी सरकारी अस्पताल में नहीं है। ऐसे में चिकित्सक अंदाज पर लक्षण के आधार पर डेंगू का इलाज करते हैं।
स्थानीय लोगों ने इस संदर्भ में जिलाधिकारी का ध्यान अपेक्षित करते हुए उचित कार्रवाई की गुहार लगाई है। इस बाबत पूछने पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विजय यादव ने बताया कि सोनबरसा सीएचसी में प्रतिदिन औसतन 8 से 10 मरीज डेंगू पीड़ित मरीज आते हैं। हम लोग लक्षण के आधार पर इलाज करते हैं। और सलाह देते हैं कि साफ सफाई रखिए। मच्छरदानी का प्रयोग कीजिए। अगर एक डेंगू पीड़ित को मच्छर काट कर वह मच्छर दूसरे को काटेगा तो उसको भी डेंगू हो जाएगा। सरकारी स्तर पर रोकथाम और जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
(बैरिया शशि सिंह सिंह की रिपोर्ट)