LIC में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव के खिलाफ प्रदर्शन

बांसडीह : संसद में पेश बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में सरकार की हिस्सेदारी के कुछ प्रतिशत अंशधारिता को पूंजी बाजार में IPO के जरिये बेचने का प्रस्ताव है. इसे विनाशकारी बता LIC बांसडीह के इंप्लाइज ने प्रदर्शन किया.

वक्ताओं ने कहा कि संसद में 1 फरवरी को पेश 2020-21 के वित्तीय बजट में LIC में सरकार की हिस्सेदारी के कुछ प्रतिशत अंशधारिता को पूंजी बाजार में बेचने का प्रस्ताव दिया गया है. यह भविष्य में अधिकांश अंशधारिता के बिक्री के मार्ग को प्रशस्त कर रहा है.

उन्होंने कहा कि ऐसी घोषणा से भारत के राज्य-स्वामित्व वाले LIC की मूल प्रकृति को विनाशकारी राह पर ले जाने की आशंका है.

इससे पूरे देश के करोड़ों पॉलिसी धारकों और देश को प्रभावित होंगे. इससे भारत के आम लोगों में जमा विश्वास भी टूटेगा.

 

 

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि संकट की परिस्थितियों में LIC राष्ट्र के लिए एक रक्षक के रूप में नहीं आ पाएगी और सरकार को दिए गए लाभांश की भारी मात्रा (पिछले साल यह 2611 करोड़ रुपये था।) भी व्यापक कमी आएगी.

वक्ताओं ने कहा कि LIC की नींव इतनी मजबूत रही है कि बीमा क्षेत्र के खुलने के 20 साल बाद भी यह 70% से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ अग्रणी रही है, जिसमें 23 अन्य जीवन बीमा कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा थी.

उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में LIC ने 6% की अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है. LIC की लिस्टिंग हमारे देश की अर्थव्यवस्था और विकास को नुकसान पहुंचाएगी.

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंश्योरेंस फील्ड वर्कर्स ऑफ इंडिया व क्लास वन एसोसिएशन तथा AIIEA ने संयुक्त रूप से भारत सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया.

सरकार के इस कदम के विरोधस्वरूप सोमवार को दोपहर के भोजनावकाश में प्रदर्शन तथा मंगलवार को एक घंटे की हड़ताल तथा भोजनावकाश में प्रदर्शन का निर्णय लिया है.

 

 

प्रदर्शनकारियों ने ‘LIC हमारा आपका नहीं किसी के बाप का’, ‘IPO वापस लो वापस लो’,’वित्त मजदूर एकता जिंदाबाद’, ‘वित्त मंत्री होश में आओ’ के नारे बुलन्द किये.

इस मौके पर विकास अधिकारी अशोक सिंह, रितेश कुमार सिंह, प्रेमशंकर, पीके पांडेय, विनय कुमार, श्यामा चरण शुक्ला, विभोर वर्मा, राजेश कुमार यादव, मुरली धर, शत्रुधन सिंह आदि भी मौजूद थे.

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