सिकंदरपुर (बलिया) से संतोष शर्मा
हिम्मते मर्द मददे खुदा… यानी जो किसी काम को करने के लिए हिम्मत करता है उसकी मदद निश्चित रूप से खुदा करते हैं. इस कहावत को चरितार्थ होते लोगों ने मठिया गांव में उस समय देखा जब 24 वर्षीय साहसी युवक ने अपनी जान की परवाह न कर आग व धूआं के बीच घिरे तीन लोगों को बाहर निकाल उन्हें नई जिंदगी दी.
उन्हें बाहर निकालने में कुछ और देर हुई होती तो उनका काल कवलित होना निश्चित था. मौके पर मौजूद लोग युवक का कारनामा देख न केवल दांतो तले अंगुलियां दबाने को विवश हो गए, बल्कि उसके हिम्मत को सलाम करते नहीं थक रहे हैं. मठीया गांव के राधा राजभर की झोपड़ियों में बुधवार को लगी आग तेजी से चारों तरफ फैल रही थी. झोपड़ी में लगे बंद पड़े उस दरवाजे को भी जलाने लगा, जिसके अंदर राधा की बहू पूजा अपने दो छोटे बच्चों के साथ सो रही थी. आग की तपिश से नींद खुलने और झोपड़ी का दरवाजा को जलते देख उसके होश उड़ गए. अंदर आग की लपटें व धुआं भरा होने के बावजूद पूजा ने हिम्मत नहीं हारा और तत्काल कंबल व रजाई के अंदर बच्चों साथ दुबक गई. बाहर लोगों की भीड़ आग को काबू में करने का प्रयास कर रही थी उसी दौरान राधा को अचानक याद आया कि बहू और बच्चे अंदर सोए हुए हैं. वह भीड़ में मौजूद लोगों से उन्हें बचाने की गुहार लगाने लगा. बावजूद इसके आग का रौद्र रूप देख अंदर जाने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ.
उसी दौरान विघ्नविनाशक के रूप में मौके पर पहुंचे गांव के ही सुनील शर्मा. कंबल लपेट झोपड़ी के अंदर घुस गया. धुआं के कारण अंदर कुछ भी दिखाई नहीं पड़ने वह दमघोटू वातावरण के कारण वह तत्काल वापस बाहर आ गया. कुछ क्षण बाद पुनः अंदर गया और अंधेरे में ही तलाश कर पूजा व उसके बच्चों को बाहर निकाला जो बुरी तरह से झुलस गए थे. वह स्वयं तो बचा ही, उन तीनों को भी जिंदगी बख्शा. जैसे मौत भी उसकी हिम्मत के आगे नतमस्तक हो गई.