ददरी मेला स्पेशल- गंगा महोत्सव में श्रीमद् भागवत कथा, तुलसी- शालिग्राम विवाह के साक्षी बने सैकड़ों लोग

दुबहर, बलिया. गुरु के द्वारा दिया गया उपदेश ही कथा का सार होता है. कथा के सार यानी उत्कृष्ट बचन को प्रवचन कहते हैं. जहां एक बार आ जाए वहां समझिए कथा की शुरुआत हो गई.

उक्त उद्गार पंडित जय गणेश चौबे “जयकांताचार्य” के हैं जिन्होंने जनेश्वर मिश्रा सेतु- जनाड़ी चौराहे पर एक सप्ताह तक चलने वाले गंगा महोत्सव में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान सोमवार की देर शाम को प्रवचन के दौरान कही. उन्होंने कहा कि गुरु दो प्रकार के होते हैं- एक दैत्य गुरु और दूसरा देव गुरु. बिना गुरु के भवसागर से पार नहीं किया जा सकता है.

कथा के पूर्व दिन में पं० जयगणेश चौबे “जयकांताचार्य” की देखरेख में वैदिक मंत्रोचार के बीच विधिवत तुलसी- शालिग्राम विवाह संपन्न हुआ. क्षेत्र के दर्जनो यजमानों ने अपनी पत्नी के साथ तुलसी- शालिग्राम विवाह के मंडप में बैठकर सभी रस्मों को किया। महिलाओंं ने मंगल गीत गाए. वहीं क्षेत्र के सैकड़ों लोग विवाह के साक्षी बने. इस मौके पर प्रदेश सरकार के मंत्री आनंदस्वरूप शुक्ला, प्रमोद पांडे, अंजनी चौबे, बिट्टू मिश्रा, अरुण ओझा, ओमप्रकाश तिवारी, हरिशंकर पाठक, रामकृष्ण तिवारी, अरुणेश पाठक, मनोज पाठक, गडल दुबे, काशी ठाकुर, जयराम पाठक, नरोत्तम पाठक, जागेश्वर मितवा, लालू पाठक, दरदर गिरी,रामजी पाठक,घूरा गोंड,धीरज यादव,बादल सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे आदि मौजूद रहे. कार्यक्रम का समापन श्रीमद् भागवत भगवान की आरती तथा प्रसाद वितरण के साथ हुआ.

(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE         
This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE