बलिया के टैलेंट अभिषेक वर्मा ने फिर किया धमाल, यूपीएससी 2017 में 32वीं रैंक

सिकंदरपुर (बलिया) से लौटकर ऋत्विक मिश्र

हिन्दी माध्यम से आईएएस की परीक्षा में कामयाब नहीं हो सकते, इस भ्रम को दिल-दिमाग से निकाल दीजिए.  यदि सच्ची लगन व मेहनत हो, लक्ष्य के प्रति समर्पण हो, उसे हासिल करने के लिए ईमानदारी से मेहनत हो तो कामयाबी जरूर मिलेगी. पढ़ाई में नम्बरों की दौड़ में शामिल होने की बजाए कान्सेप्ट पर जोर दें. ऐसा कहना है सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के टड़वा गांव निवासी यूपीएससी 2017 के टॉपर अभिषेक वर्मा का. मालूम हो कि तीसरी बार लगातार प्रयास के बाद लोकसेवा आयोग की परीक्षा में अभिषेक ने 32वीं रैंक हासिल की है.

फिलहाल मसूरी में आईआरएस की ट्रेनिंग कर रहे हैं अभिषेक वर्मा. जाहिर है उनकी इस उपलब्धि पर पूरे जिले को गर्व है.  क्षेत्र के टडवा गांव निवासी मूलतः किसान व कोयला कारोबारी जयप्रकाश वर्मा के पुत्र और प्रधान संजय वर्मा के छोटे भाई अभिषेक वर्मा ने प्राथमिक शिक्षा गांव से ही हासिल की थी. इसके बाद राजकीय इंटर कॉलेज (बलिया) से हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा 70 फीसदी अंकों सहित पास किया.

2011 में मोतीलाल नेहरू विश्वविद्यालय (इलाहाबाद) से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया. उसके बाद 2015 में रेलवे की परीक्षा पास कर एडीआरएम के पद पर ट्रेनिंग करने लगे. इसी दौरान 2015 में गूगल में नौकरी ज्वाइन करने का मौका मिल गया. उसी वर्ष आईआईटी कानपुर में एमटेक में प्रवेश भी मिल गया. इसलिए उन्होंने नौकरी की बजाय एमटेक करना जरूरी समझा. वर्ष 2017 में आईआरएस की परीक्षा पास कर वर्तमान समय में वे मसूरी में ट्रेनिंग कर रहे हैं. शुक्रवार को जारी रिजल्ट में उन्हें 32 वां रैंक हासिल हुआ है. फोन पर वार्ता के दौरान उन्होंने इसका पूरा श्रेय अपने परिजनों सहित अपने पिता जय प्रकाश वर्मा को दिया. जबकि उसके पिता एक किसान हैं तथा कोयले का व्यापार भी करते हैं. अभिषेक की शादी इसी साल 26 फरवरी को बीएचयू की डॉक्टर रुचि वर्मा के साथ हुई है.

मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए यूपीएससी टॉपर अभिषेक वर्मा का संदेश है – सही दिशा में पढ़ाई करें और काम के प्रति ईमानदार बनें. 10 किताबों को पढ़ने से ज्यादा जरूरी है, एक ही किताब पर पूरा फोकस करें. 

This post is sponsored by ‘Mem-Saab & Zindagi LIVE’