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आशीष दूबे, बलिया
बलिया जिले में लाखों रुपए खर्च करके संवारे गये अमृत सरोवरों में वैशाख महीने में ही धूल उड़ रही है. भीषण गर्मी में इंसान तो परेशान है ही, अमृत सरोवरों-तालाबों में पानी नहीं होने से पशु-पक्षी सभी बेहाल हैं. मनरेगा सेल के आंकड़ों में बलिया जनपद में 421 अमृत सरोवर पूर्ण हैं जबकि सच्चाई यह है कि इनमें से अधिसंख्य सरोवर सूखे पड़े हैं.
मिशन अमृत सरोवर को स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर भारत की “आज़ादी का अमृत महोत्सव” समारोह के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था। इस मिशन का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट को दूर करने के लिये भारत के प्रत्येक ज़िले में कम-से-कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण-पुनरुद्धार करना था। बलिया में इस मिशन के तहत काम शुरू हुआ भी लेकिन लक्ष्य हासिल होता नहीं दिखता।
बेल्थरारोड में सीयर ब्लॉक के पड़री गांव स्थित अमृत सरोवर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. मनरेगा से निर्मित यह सरोवर करीब 1.2 एकड़ में है. जल संचय की व्यवस्था नहीं होने से सरोवर अनुपयोगी साबित हो रहा है. सरोवर में झाड़-झांखड़ उग गये हैं. एकाध को छोड़कर ब्लॉक के ज्यादातर सरोवरों का यही हाल है. इसके कारण भूगर्भ जलस्तर भी गिर रहा है.
मनियर ब्लॉक के रामपुर उदईपुर में लाखों की लागत से बना अमृत सरोवर चैत्र महीने से सूखा पड़ा है. पानी नहीं होने के कारण तालाब में झाड़-झंखाड़ उगे हुए हैं. इस ब्लॉक के ज्यादतार पंचायतों में बने अमृत सरोवरों का हाल ऐसा ही है.
मिशन अमृत सरोवर के तहत सरोवर को पयर्टनस्थल बनाने का उद्देश्य भी था। सरोवरों के किनारे पाथ-वे बनवाने थे तथा खुशबूदार पौधे लगाने थे, ताकि ग्रामीण अपने गांव में ही सुबह-शाम सकून का पल बिता सकें. साथ ही भीषण गर्मी में पशु पक्षियों को भी प्यास बुझाने के लिए भटकना न पड़े. गिरते भू-गर्भ जलस्तर भी नियंत्रित करना था. इसके विपरीत गांवों में बने अमृत सरोवर अपने उद्देश्य से भटक गए हैं.
पंदह ब्लॉक के ज्यादातर जलाशय भी हैं बदहाल
पंदह ब्लॉक में जल संरक्षण के लिए मनरेगा योजना के तहत खोदे गये तालाब वैशाख महीने के शुरुआत में ही सूख गये हैं. शायद ही किसी गांव में तालाब या पोखरा अपने मूल अस्तित्व में मिलें.
इस सम्बंध एपीओ मनरेगा पंदह शक्तिराज शर्मा ने बताया कि पूरे पंदह ब्लॉक में मनरेगा से पोखरों की खुदाई कराई गई है. समय-समय पर उनकी जांच भी की जाती रही है. चूंकि जल संरक्षण के लिए तालाब-पोखरों में जलस्तर को बनाये रखने की जिम्मेदारी सम्बंधित ग्राम प्रधान एवं रोजगार सेवकों की जिम्मे है. यदि इसमें कोई कोताही की गई है तो इसकी जांच कर संबंधित जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही की जाएगी.
सुरहा ताल में उड़ रही है धूल, कहां मचाएं धमाल!
बलिया शहर से सटे स्थित सुरहा ताल में इन दिनों धूल उड़ रही है. पानी पूरी तरह सूख चुका है और इसमें चलने वाली नावों का कहीं अता-पता नहीं है. इसके चलते प्राकृतिक रूप से समृद्ध यह स्थल वीरान हो चुका है. ऐसे में परिवार के साथ बच्चों के धमाल मचाने की इस एकमात्र जगह पर कोई नहीं पहुंच रहा. दिसम्बर 2022 में यहां पक्षी महोत्सव का आयोजन हुआ था. नावों का संचालन हुआ, नौकायन प्रतियोगिता भी हुई. तब इसे पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने की बात हुई. तब लगा कि गर्मी के दिनों में भी शायद यहां रौनक लौटेगी लेकिन पानी नहीं होने से यह उम्मीद टूट गयी है. चूंकि इस साल बाढ भी नहीं आयी और अच्छी बारिश भी नहीं हुई. इसके चलते सुरहा ताल पूरी तरह सूखा पड़ा है.
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