


सिकंदरपुर से संतोष शर्मा
इसे विधि का विधान कहें या होनी। यह तो निश्चित ही है कि जो होना होता है, वह होकर रहता है. जी हां, आज सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के तिलौली गांव में एक ऐसी ही घटना घटी. जिससे समूचा क्षेत्र गमजदा हो गया. नातिन की शादी के दिन ही दादा की मौत ने हिलाकर रख दिया पूरे परिवार समेत पूरे क्षेत्र को. इस घटना के बाद पूरे तिलौली गांव में सन्नाटा छा गया. शादी की खुशियां मातम में बदल गई, जिससे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
शादी की तैयारियां छोड़ लोगबाग डॉक्टरों के यहां भागे
आज 13 जुलाई को राजदेव सिंह (78) की नातीन नीलम की बरात गोरखपुर से आ रही है. सुबह से ही दादा राजदेव सिंह अपनी नातीन नीलम को शादी के जोड़े में देखने के लिए तैयारियों में जुटे थे. दोपहर दो बजे के आसपास उनके सीने में दर्द शुरू हो गया. परिवार वाले आनन फानन में शादी की तैयारियों छोड़ उन्हें सीएचसी सिकंदरपुर ले आए. वहां से डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल ले जाने का सलाह दिया. एक तरफ घर पर बारात के स्वागत की तैयारियां चल रही थी, घर की महिलाएं मांगलिक गीत गा रही थी तो उधर गोरखपुर से बारात भी चल चुकी थी.
होनी को तनिक रहम नहीं आया

खैर, परिवार वाले सारा काम वैसे ही छोड़ कर राजदेव सिंह को मऊ ले जाने की तैयारी में थे. लेकिन विधि को कुछ और ही मंजूर था. अभी वे बिल्थरारोड भी नहीं पहुंचे थे कि राजदेव सिंह अपनी नातिन को शादी के जोड़े में देखने के सपने संजोए हमेशा हमेशा के लिए दुनिया छोड़ गए. परिवार वाले कुछ समझ नहीं पा रहे कि आखिर अब करें तो क्या करें. नब्ज टटोल कर देखें, धड़कनों को महसूस करके देखें, हताश निराश होकर वापस घर तिलौली लौट आए.
मातमी माहौल में ही अब बिदा होगी बिटिया
वहां मांगलिक गीत महिलाओं द्वारा गाए जा रहे थे. उस घर परिवार में करुण क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो गया. जो जहां था वहीं से भागा. सबकी आंखें छलक रही थी. उधर जब नीलम को पता चला कि अब उसके दादा दुनिया में नहीं रहे तो वह दहाड़े मार-मार कर रोते हुए बेसुध हो गई. नीलम के पापा पेशे से अध्यापक सुरेंद्र सिंह ने एक तरफ अपने पिता के सर को अपने गोद में रखा तो दूसरी तरफ अपनी बेटी नीलम के सर को. उन्हें खुद समझ में नहीं आ रहा कि करें तो क्या करें. परिवार वालों के सामने मुखिया के रूप में मौजूद नीलम के पिता सुरेंद्र सिंह अपने पिता राजदेव सिंह के हर्ट अटैक से हुई मौत को सीने में दबा अब बारात के स्वागत की तैयारियों में लग गए हैं. मातमी माहौल में ही उन्होंने बेटी को विदा करने का तैयारियां शुरू कर दी है.