मूल किताबों की जगह पाइरेटेड किताबें बेचने का आरोप

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  • प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को दी जानी हैं ये किताबें

बैरिया : तहसील क्षेत्र में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए पुस्तक खरीदने 22.5 लाख रुपये भेजे गये. किताबें तो नहीं खरीदी गई जबकि खाते से धन निकाल लिया गया. बताते हैं कि खंड शिक्षा अधिकारी के जरिये निर्दिष्ट किताबों के बदले पाइरेटेड किताबें खरीदी जा रही हैं.

अब बैरिया और मुरली छपरा ब्लॉक के करीब 3 दर्जन प्राथमिक औऱ उच्च प्राथमिक विद्यालयों पर पायराइट पुस्तकें बेची जा रही है. पूर्व जिला पंचायत सदस्य तथा समान शिक्षा के लिए संघर्षरत राधेश्याम यादव ने यह आरोप लगाया.

बताते चलें कि बैरिया शिक्षा क्षेत्र के 32 उच्च प्राथमिक और 98 प्राथमिक विद्यालयों तथा मुरली छपरा शिक्षा क्षेत्र के 30 उच्च प्राथमिक और 97 प्राथमिक विद्यालयों के लिए प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 5 हजार रुपये प्रति प्राथमिक विद्यालय तथा 10 हजार रुपये उच्च प्राथमिक विद्यालय को भेजे गये. एनबीटी की पुस्तकों की सूची भी भेजी गई.

कुछ प्रधानाध्यापकों ने शुरू में ही पुस्तकें खरीद ली थी क्योंकि धन के साथ उन्हें पुस्तकों की सूची भी मिली थी. हालांकि काफी लोगों ने नहीं खरीदा था.

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पिछले 2 सप्ताह से खंड शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर पाइराइट पुस्तकें स्कूलों को उपलब्ध कराई जा रही है. इसके लिए बैरिया व मुरली छपरा शिक्षा क्षेत्र के करीब डेढ़ दर्जन स्कूलों को केंद्र बना वहां से पुस्तकें बेची जा रही है. पूर्व जिला पंचायत सदस्य तथा समान शिक्षा के लिए संघर्षरत राधेश्याम यादव ने कहा कि यहां बड़े पैमाने पर घोटाला हो रहा है. राधेश्याम यादव ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच एवं कार्रवाई की मांग की है.

इस बाबत खंड शिक्षा अधिकारी बैरिया/ मुरली छपरा हेमंत मिश्र और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के मोबाइल पर फोन कर बात करने का प्रयास किया गया. दोनों लोगों के मोबाइल नेटवर्क कवरेज एरिया से बाहर रहे.

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