लखनऊ। आखिरकार बाप पर भारी पड़ा बेटा. समाजवादी कुनबे में सत्ता घमासान में नाटकीय उलट फेर के बाद अखिलेश यादव पिता मुलायम सिंह यादव पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं. शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि पार्टी से सीएम अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव के निष्कासन को रद्द कर दिया गया है. जानकारों की माने तो विधायकों के अप्रत्याशित समर्थन से अखिलेश खेमा का मनोबल बढ़ा है. अब अखिलेश को समर्थक राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहते हैं, साथ ही वे अमर सिंह को बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं. मुलायम को अब संरक्षक की भूमिका सौंपी जा सकती है.
नेताजी के आदेश अनुसार अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। सब साथ (1/2)
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) December 31, 2016
बाप औऱ बेटे के बीच सुलह सफाई की कोशिशों में आजम खान और लालू प्रसाद यादव मध्यस्थ की भूमिका में हैं. सुबह आजम खान मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे. उनसे बातचीत के बाद आजम खान अखिलेश यादव से मिले. फिर विधायकों की बैठक खत्म कर अखिलेश 207 विधायकों के समर्थन की लिस्ट लेकर आजम खान के साथ मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे. थोड़ी ही देर में वहां शिवपाल यादव भी पहुंच गए. बीच बचाव कराने की कोशिशों में मुलायम सिंह परिवार के संबंधी औऱ आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव भी जुटे हैं. लालू यादव ने सुबह पिता और पुत्र दोनों से अलग अलग फोन पर बात की.
शुक्रवार को पूरे दिन चले इस सियासी तूफान के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को विधायकों की बैठक बुलाई थी. करीब 200 से अधिक विधायक और 30 से ज्यादा एमएलसी और नेता अखिलेश से मिलने पहुंचे थे. उधर, दूसरी ओर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सपा मुख्यालय पर बैठक बुलाई थी जिसमें करीब 20 विधायक और 60 उम्मीदवार पहुंचे थे. कह सकते हैं कि मुलायम से मिलने गिने-चुने लोग पहुंचे. दरअसल, इसके पीछे वजह साफ है कि पार्टी के लोग मुलायम सिंह यादव का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें अपना भविष्य अखिलेश यादव में दिखाई दे रहा है.
हमें 2017 का चुनाव जीतकर नेताजी को तोहफे के तौर पर देना है – अखिलेश यादव (मुख्यमंत्री)
गौरतलब है कि शुक्रवार को अखिलेश और रामगोपाल को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निकाले जाने के बाद बड़ी संख्या में अखिलेश समर्थक उनके घर के बाहर जमा हो गए थे. वे अखिलेश के समर्थन में जमकर नारेबाज़ी कर रहे थे. एक समर्थक ने तो आत्मदाह की भी कोशिश की. अखिलेश समर्थक मुलायम सिंह यादव से अपना फैसला वापस लेने की मांग कर रहे थे. समर्थकों को उग्र होते देख अखिलेश ने अपने एक विधायक को समर्थकों के बीच भेज कर संयम बरतने का संदेश दिया. साथ ही किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनज़र मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के घर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम के निर्देश दिए.
Internal mail from Akhilesh's US advisor Steve Jarding leaked. US coach suggests war in SP is orchestrated to project CM as development icon pic.twitter.com/b2ff7twLTS
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) December 30, 2016
इधर बीच पत्रकार राहुल कंवल के एक ट्वीट ने सपा के सत्ता संग्राम को एक नया मोड़ दे दिया है. इसके मुताबिक समाजवादी पार्टी में चल रही हलचल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के राजनीतिक रणनीतिकार माने जाने वाले प्रोफेसर स्टीव जार्डिंग की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है, जिससे ऐसा लगता है कि समाजवादी पार्टी में चल रहा झगड़ा फिक्स है? इसके रणनीति के तहत चाचा शिवपाल यादव की कीमत पर अखिलेश की साफ छवि को और मजबूत करना है. इसका साफ मकसद है कि अखिलेश को भविष्य में पार्टी के नेता के रूप में पेश किया जा सके.