बाँसडीह (बलिया) से रविशंकर पांडेय
सरयू नदी (घाघरा) के जलस्तर में पुनः वृद्धि होने लगी है. सरयू के उफान से तटीय गांवों में दहशत है.
बता दें कि 4 दिन पहले नदी के जलस्तर में कमी आने से लोगों ने राहत की सांस ली. सरयू नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से अब भय व्याप्त है. नदी हजारों एकड़ खेत निगल चुकी है. खौफ इस बात को लेकर है कि कहीं गांव समाहित न हो जाए. बुधवार के सुबह 8 बजे घाघरा डीएसपी हेड पर 64.320 मापा गया. जब खतरा बिंदु 64.01 है. ऐसे में खतरा बिंदु से ऊपर नदी का बहाव जारी है.
बांसडीह तहसील क्षेत्र के दियारा क्षेत्र के रिगवन छावनी, नवकागाँव, बिजलीपुर, कोटवा, मल्लाहि चक, चक्की दियर, टिकुलिया, पर्वतपुर, रघुबर नगर आदि गाँवों के किसानों के लगभग हजारों एकड़ खेत घाघरा में समाहित हो चुके हैं. किसानों के हजारों एकड़ फसल जिसमे बाजरा, मक्का, गन्ना, धान आदि फसलें सरयू के पानी से बर्बादी के कगार पर हैं.
तटवर्ती गांव की उपजाऊ जमीन को हमेशा की तरह इस बार भी धीरे-धीरे नदी काटकर अपने आगोश मे ले रही है. दो दिन सरयू का पानी घटाव पर था, लेकिन इलाके के लोग परेशान हैं. नदी का रौद्र रूप देखकर किसानों के माथे की चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं. विवशता तो यह है कि उन्हें अपनी जमीन को बचाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा. सुरसा की तरह आए दिन नदी कई बीघा उपजाऊ जमीन को अपने आगोश में ले रही है. पेड़ भी नदी में समाहित हो रहे हैं. जिससे दियारे के लोग भय में है.