अनेक बलिदानों के बाद स्वाधीनता की हवा में सांस लेने का मिला मौका -विनय सिंह

बलिया. स्वाधीनता के अमृत महोत्सव आयोजन समिति, बेरुवारबारी के तत्त्वाधान में कुम्हिया ग्राम में लगने वाली आजाद शाखा द्वारा भारत माता का पूजन, आरती की गई.

सर्वप्रथम मुख्य अतिथि गोरक्षप्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह विनय सिंह , कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शोकहरण पाण्डेय, विशिष्ट अतिथिगण कुंवर सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया में अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ रामकृष्ण उपाध्याय, जिला सेवा प्रमुख डॉ सन्तोष तिवारी, नगर संयोजक धर्मजागरण वीरेंद्र सिंह व उपस्थित लोगों द्वारा भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.

मुख्य अतिथि विनय जी ने स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि अनेक बलिदानों के बाद 15 अगस्त 1947 को स्वाधीनता के साथ सांस लेने का मौका मिला. देश की स्वाधीनता में सबकुछ न्यौछावर करने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे बलिदानी भी हैं जो गुमनाम हैं. अमृत महोत्सव का उद्देश्य ऐसे सभी गुमनाम अमर शहीदों को आमजन के बीच तक लेकर जाना है.

स्वाधीनता के अमृत महोत्सव का पर्व अमर बलिदानी देशभक्तों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है. यह महोत्सव स्वतन्त्रता से स्वाधीनता की ओर जाने का उत्सव है. स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने वाले हैं. इस अवसर पर हमें उन लाखों नाम गुमनाम अमर बलिदानियों को नमन करना चाहिए जो हंसते हंसते हुए देश पर न्यौछावर हो गए.

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आज हमें बहुत सी बातों से स्वतन्त्रत होने की जरूरत है जिससे हम जकड़े हुए हैं. आज हम अपनी गौरवपूर्ण संस्कृति को छोड़कर पाश्चात्य संस्कृति से जकड़े हुए हैं, जिससे हमें स्वतन्त्र होने की जरूरत है,बहुत सी गलत बातें प्रथा बन चुकी है इन कुरीतियों से हमें स्वतन्त्र होने की जरूरत हैं.

इस अवसर पर बोलते हुए डॉ रामकृष्ण उपाध्याय जी बताया कि हम अभी तक हम सभी को पढ़ाया जाता रहा है कि ‘दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल.’

 

यह कहना उन लाखों बलिदानियों का अपमान है जो देश की स्वतंत्रता के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया तथा जिन्होंने खुशी खुशी फांसी के फंदों को चूम लिया तथा कितने लोगों को अंग्रेजों ने बंदूक की गोलियों से भून दिया, उनके घरों को जला दिया. हमें उन लोगों के बारे में भी जानना चाहिए.
भारत माता की आरती व वन्देमातरम् के बाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.

ज्ञात हो कि इसी क्रम में कुम्हिया सुखपुरा में चलने वाली पं दीन दयाल उपाध्याय संस्कार केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को पदवेश भी प्रदान किया गया जिसे पाकर बच्चों के चेहरे पर खुशी स्पष्ट झलक रही थी.

इस अवसर पर खण्ड कार्यवाह निर्भय उपाध्याय, शंकरदानी, गुड्डू, अभिषेक, अनिल, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अंजय, संजय जी, पवन, सत्येंद्र उपाध्याय, जयप्रकाश उपाध्याय आदि उपस्थित होकर भारत माता की आरती व पूजन किये.

(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)

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