Upबलिया. विजयदशमी के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया नगर के कार्यकर्ताओं ने दिनांक 14 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार को शहर के भृगु मंदिर से पूर्ण गणवेश में घोष वादन के साथ नगर के प्रमुख मार्गों पर पथ संचलन किया.
लगभग पांच सौ स्वयंसेवक कदम से कदम मिलाते हुए अनुशासन के साथ संतुलित गति से आगे बढ़ते रहे. इस संचलन को देखकर नागरिक स्वयं को ऊर्जावान व गौरवान्वित महसूस कर रहे थे. उन्होंने आगे बढ़कर पथ संचलन का स्वागत किया. कई स्थानों पर नागरिकों व मातृशक्तियों ने भी पुष्प वर्षा कर इन स्वयंसेवकों का मान बढ़ाया. पथ संचलन का समापन वापस भृगु मन्दिर के प्रांगढ में हुआ. संचलन निकलने के पूर्व भृगु मन्दिर के प्रांगढ में मुख्य अतिथि गोरक्षप्रान्त के प्रान्त प्रचारक श्री सुभाष जी, इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सरदार श्री श्रवण सिंह, सह जिला संघचलाक डॉ विनोद सिंह जी द्वारा दुर्गा माता,भारत माता, डॉ हेडगेवार,श्रीगुरुजी व 11 ऑक्टबर को पुंछ में शहीद हुए वीर जवानों के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पार्चन कर व ध्वजारोहण के बाद शस्त्र पूजन कर उत्सव का शुभारंभ किया गया.
इस अवसर पर गोरक्षप्रान्त के प्रान्त प्रचारक व बौद्धिककर्ता श्री सुभाष जी ने बताया कि संघ समाज का ही हिस्सा है. संघ अपने नाम से सिर्फ छह उत्सव मनाता है. हमारे राष्ट्र जीवन में अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं राष्ट्रीय महत्व के प्रसंग भरे पड़े हैं. प्रत्येक प्रसंग के साथ हमारे उत्सव भी जुड़े हैं. इन्हीं छह उत्सवों में से एक है विजयदशमी उत्सव जिसके निमित्त आज हम सब लोग एकत्रित हुए हैं.
उन्होंने बताया कि विजयदशमी के ही दिन सन 1925 को परम पूज्य डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई. संघ 96 वर्षों से बुराई पर अच्छाई को प्रतिस्थापित करने के अभियान में लगा हुआ है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जनमानस की आत्मा हैं. विजयादशमी किसी राजा के विजय के उपलक्ष्य में नहीं बल्कि रावणत्व पर रामत्व के विजय के उपलक्ष्य में मनाई जाती है. पुरातन काल से हम शक्ति की उपासना करते रहें हैं. संघ विजयादशमी पर शस्त्र पूजन की परंपरा को जीवंत रखे हुए है. हमारी संस्कृति वीरों की पूजा करने वाली संस्कृति है. समाज की उन्नति के लिए शस्त्र व शास्त्र दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है. शस्त्र के अभाव में शास्त्र की रक्षा असम्भव है.
उन्होंने आगे बताया कि यह दिन विजय, शौर्य, संयम, असत्य पर सत्य की विजय, शक्ति की पूजा एवं संघ की स्थापना का दिन है. रावण साधन सम्पन्न था और सभी वेदों का ज्ञाता था पर वो युद्ध में पराजित हुआ. इसके विपरीत राम के पास न रथ था व न ही साधन सम्पन्न थे परंतु वो युद्ध में विजयी हुए. इसका मुख्य कारण राम का धैर्यवान होना, सांयमी होना था. हिन्दू समाज अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में विजयादशमी का पर्व मन रहा है. मनुष्यत्व ही हिदुत्व है और हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व है। देशभक्ति के माध्यम से हम बड़ी से बड़ी शक्तियों को परास्त कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि भारत की भूमि भोग्य भूमि नहीं बल्कि कर्म और त्याग की भूमि है। भारत कभी पराजित नही रहा, सभी आक्रांताओं का मान मर्दन करने के लिए भारत भूमि ने अनेक वीर पुत्रों को जन्म दिया है. भारत भूमि शक्ति की आराधना करने वाला देश है. यह भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की पूजा करता है. इसलिए यह सोने की चिड़िया के साथ साथ विश्वगुरु भी रहा. हमें गर्व करने की आवश्यकता है कि हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति है. हम सत्य व न्याय के लिए सनातन काल से लड़ते आये हैं. कलियुग में शक्ति का प्रमुख स्रोत संगठन है, संघ की शक्ति है. इसी दृष्टि से परम् पूज्य डॉ हेडगेवार जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गठन किया और आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा संगठन बन गया है. संघ न तो थकता है, न रुकता है. संघ अनवरत चल रहा है. संघ पर समाज का विश्वास बढ़ा है. हमलोगों के आराध्य प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है जिसकी प्रतिक्षा हिंदू समाज ने सैकड़ों वर्षों तक किया. अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया की जो स्वयं की प्रेरणा से राष्ट्र की सेवा हेतु अपने को प्रस्तुत करता है वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक होता है. इस उत्सव की अध्यक्षता सरदार श्री श्रवण सिंह जी ने किया.
कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक रामकुमार थे. अमृत वचन शशिकांत, गीत शंकार्षण व प्रार्थना इशांत ने कराया. ओम प्रकाश राय उत्सव के दौरान सह जिला संघचालक डॉ विनोद सिंह जी, सह प्रान्त कार्यवाह श्री विनय जी,जिला प्रचारक श्री सत्येन्द्र, जिला कार्यवाह हरनाम सिंह, सह जिला कार्यवाह अरुण मणि,नगर संघचालक श्री बृज मोहन जी, सह नगर संघचालक श्री परमेश्वरंश्री, नगर कार्यवाह ओम प्रकाश राय, सह नगर कार्यवाह रवि सोनी, नगर प्रचारक श्री सचिन, सत्यव्रत सिंह, चंद्रशेखर, आशीष गुप्ता, डॉ संतोष तिवारी, संजय वर्मा, पवन आदि के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता स्वयंसेवक उपस्थित रहे.
(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)