नगरा, बलिया. शारदीय नवरात्रि में नवमी तिथि को हर साल निकलने वाला ऐतिहासिक लाग (जुलूस) गुरुवार को निकला. आदर्श दुर्गा पूजन समारोह समिति पूरब मुहल्ला नगरा के तत्वावधान में काली मंदिर से निकले लाग में युवाओं ने बढ-चढ कर हिस्सा लिया.
लाग में शामिल युवक नुकीले छड़ से अपने गलफड़ को छेदते हैं तथा एक दुसरे के गलफड में घुसे हुए छड़ को पकड़े रहते हैं. इसके बाद जुलुस की शक्ल में पूरे बाजार का भ्रमण करतें हैं तथा देवी पंडालों में मत्था टेकते हैं.
इसके पूर्व काली मंदिर पर शक्ति की अराधना होती है. माना जाता है कि यह सब देवी की कृपा से ही संभव होता है. दोनों तरफ गलफड़ में छिद्र होकर नुकीला छड़ घुसा होने के बाद भी किसी तरह का दर्द नहीं होता न ही वह घाव पकता है. इन युवाओं की देख रेख में जुटे लोग गलफड़ पर गुलाब जल का छिड़काव करते रहतें हैं.
पूजन समिति के धर्मेन्द्र चौहान की मानें तो युवा मां दुर्गे से इस आशय की मन्नतें मांगतें हैं कि यदि उनकी मन्नत पूरी होती है तो शारदीय नवरात्रि के लाग का हिस्सा बनते है. इस तरह का ऐतिहासिक लाग पूर्वांचल में कहीं भी नहीं निकलता है. इसे देखने के लिए दूर दराज के दर्जनों गांवों से महिला व पुरुषों की भीड़ उमड़ती है. इससे बाजार में घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है. लाग में धर्मेंद्र चौहान,आलोक शुक्ल, राजू सोनी, डॉ डीएन प्रसाद सहित भारी संख्या में महिलाएं, युवतियां, युवा व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे. इस दौरान थानाध्यक्ष दिनेश कुमार पाठक मय फोर्स उपस्थित रहे.
(नगरा से संवाददाता संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)