सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और प्रदेश के राज्यमंत्री ने जिला अस्पताल में एक और ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण किया

बलिया. जिला अस्पताल में एक और ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हो गया, जिसका उद्घाटन सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त व राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने सोमवार को किया। एसोचैम (ASSOCHAM) और ऐसेंच्योर (ACCENTURE) की तरफ से इस ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण हुआ है।

सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने उद्घाटन करते हुए कहा कि इसके शुरू हो जाने से सिर्फ जिला अस्पताल ही नहीं, बल्कि अन्य अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने कहा कि ऑक्सीजन की आवश्यकता को देखते हुए सरकार ने तत्परता से काम शुरू किया, जिसका परिणाम है कि जिले में पर्याप्त ऑक्सीजन प्लांट अब शुरू हो गए हैं। फेफना, सीयर व बांसडीह में भी बहुत जल्द ऑक्सीजन प्लांट लोकार्पण हो जाएगा। इस प्रकार हर क्षेत्र ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे।

इस अवसर पर ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण में महत्वपूर्ण सहयोग देने वाले एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) की जॉइंट डायरेक्टर कविता शर्मा, डीडीओ राजितराम मिश्र, सीएमएस डॉ बीपी सिंह, डॉ मिथिलेश सिंह समेत जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर मौजूद थे।

बिना बड़े कारण के रेफर करने की प्रथा बन्द हो: सांसद

ऑक्सीजन प्लांट के उद्घाटन के अवसर पर जिला अस्पताल में सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि मामूली स्थिति में भी रेफर करने की प्रथा बंद हो। अगर कोई दिक्कत है और समझ में न आए तो वीडियो कांफ्रेंसिंग से परामर्श की व्यवस्था की गई है। बीएचयू, पीजीआई या एम्स के डॉक्टर से संपर्क करके मरीज से बात कराकर जरूरी इलाज सुनिश्चित कराया जाए। बहुत गंभीर स्थिति हो तभी रेफर किया जाए। इसके लिए सीएमएस डॉ बीपी सिंह व अन्य डॉक्टरों से विशेष रूप से बात की और अमल करने को कहा। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की स्वास्थ्य से सम्बंधित योजना के माध्यम से जिला अस्पताल में बेहतर व्यवस्था कराने पर हमारा विशेष फोकस है।

दरअसल देखने में यह आया है कि जिले के ज्यादातर पीएचसी और सीएचसी में मरीजों को प्राथमिक उपचार देने के साथ ही तुरंत जिला अस्पताल या अन्य अस्पतालों में रेफर किए जाने की प्रवृत्ति है। इससे जिला अस्पाल पर न सिर्फ दबाव बढ़ता है बल्कि मरीज और उसके परिजनों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। इसीलिए सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का प्रयास है कि अस्पतालों में मरीजों को टालने की प्रवृत्ति खत्म हो और अस्पताल में सारी सुविधाओं के साथ स्थानीय स्तर पर ही उपचार मिल जाए.

(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)

 

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