झमाझम बरसे बदरा, बलिया सिटी तरबतर, किसान गदगद, शहरियों की उड़ी नींद

बलिया। गुरुवार को लगातार तीसरे दिन जमकर बारिश हुई. दोपहर में करीब डेढ़ घंटे हुई झमाझम बरसात का लोगों ने भी खूब लुत्फ उठाया. बच्चे जहां बारिश में भींगते हुए मस्ती करते देखे गए, वहीं किसान धान की रोपाई की तैयारी करने में जुट गए. जिन किसानों की बेहन तैयार है वे रोपाई भी शुरू कर दिए हैं. पिछले तीन दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने जहां गर्मी व उमस से लोगों को राहत दे दी है, वहीं खेती के लिए अनुकूल माहौल बना दिया है. इससे किसान भी काफी खुश हैं. मगर बलिया सिटी लबालब सड़कें जल निकासी व्यवस्था की कलई भी खोल रही हैं. विशेष तौर पर शहर की कॉलोनियों के बाशिंदों की नींद हराम हो गई है.

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नगर की हालत यह थी नालों की सफाई कराए जाने के बाद भी सड़कों पर पानी तीन इंच पानी लग गया. शहर के विभिन्न मोहल्ला काजीपुरा, आवास विकास कालोनी, सतनी सराय, काशीपुर, जगदीशपुर, राम दहिमपुरम, टैगोर नगर, आनंद नगर आदि में बारिश का पानी घरों में घुस गया.

बलिया नगर की नियोजित बसाव के साथ बसी कालोनियों में श्रीराम विहार कालोनी भी एक प्रमुख कालोनी है. ध्यातव्य है गत वर्ष इस कालोनी के बासिंदों को एक माह तक जल जमाव की नारकीय स्थिति भुगतनी पड़ी था. कालोनी की सभी सड़कों पर एक माह तक तीन से पाँच फीट तक जल जमाव हो गया था और घर से निकलना मुश्किल हो गया था. लोग लॉकडाउन की तरह एक माह तक घर में ही कैद रहे और बजबजाती नालियों के सड़न तथा गंध से जीना मुश्किल हो गया था और अनेक बीमारियों से भी लोग त्रस्त एवं तबाह हो गये थे.

गत वर्ष जल जमाव की समाप्ति के पश्चात कालोनी में पधारे बलिया नगर के चेयरमैन एवं नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी ने आकर आश्वासन भी दिया था कि कालोनी की नालियों सहित सड़क को भी ऊँचा किया जायेगा. किंतु साल भर बीत जाने के बाद भी कोई सुधि नहीं ली गयी और जस की तस स्थिति बरकरार है.

इस वर्ष अभी प्री मानसूनी वर्षा एवं मानसून की पहले दिन की वर्षा ने ही इस कालोनी में अपना विकराल रूप दिखा दिया है. नालियाँ जाम होकर बजबजा रही हैं, वर्षा का जल नालियों से ऊपर बहकर सड़क पर आ चुका है और सड़क पर पानी लग गया है. आना – जाना मुश्किल होता जा रहा है. इस कालोनी के लोग गतवर्ष की दुर्दशा की कल्पना करके ही सिहर जा रहे हैं और अनायास ही उनके मुख से निकल जा रहा है कि अब तो भगवान ही मालिक हैं.

श्रीराम विहार कालोनी कालोनी में बड़े शौक से आकर आवास बनाया था कि यहाँ चौड़ी सड़कें हैं, चौड़ी नालियाँ हैं, कालोनी में एक पार्क है और इस तरह इस कालोनी का वातावरण शांतिपूर्वक रहने लायक है, किंतु जल जमान ने सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया. डॉ. पाठक का कहना है कि इससे तो उनका पैतृक गाँव नगवा ही रहने लायक बेहतर है

– डॉ. गणेश कुमार पाठक (पर्यावरणविद्), अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य

गड्ढों में मछली डालकर सपाइयों ने जताया विरोध

उधर, बैरिया तहसील क्षेत्र के नवका टोला के भाजपा के पूर्व सांसद भरत सिंह के पैतृक आवास के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर बने गड्ढे में युवाओं ने गुरुवार को मछली डालकर क्षतिग्रस्त मार्ग को लेकर विरोध जताया. कई बार अनशन, आंदोलन व आत्मदाह जैसे प्रयास करने के उपरांत अभी तक एनएच 31 की मरम्मत नहीं होने से लोगों में आक्रोश है. क्षतिग्रस्त एनएच-31 पर सात जून रविवार को युवाओं ने धान फसल की रोपाई कर कहा था कि जब सड़क चलने लायक नहीं तो इस पर खेती व मछली पालन करने से क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिलेगा.

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