जांच कराने के आश्वासन पर छठे दिन धरना स्थगित

बैरिया (बलिया)। बैरिया तहसील परिसर में पिछले छह दिनों से धरना पर बैठे इब्राहिमाबाद गांव के युवा बुधवार को आखिरकार धरना खत्म कर दिए. उन्हें उपजिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि जांच करवा कर धमकी के मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाई जाएगी. साथ ही खनन मामले में आरोपी पर 97 हजार नौ सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया. एसडीएम ने भरोसा दिया कि वे युवाओं के खेल के मैदान के लिए शासन को लिखेंगे.

सपा नेता मनोज सिंह के हस्तक्षेप के बाद धरना के छठवे दिन इब्राहिमाबाद के युवकों की मांग पर कार्रवाई का भरोसा एसडीएम ने दिया
सपा नेता मनोज सिंह के हस्तक्षेप के बाद धरना के छठवे दिन इब्राहिमाबाद के युवकों की मांग पर कार्रवाई का भरोसा एसडीएम ने दिया

बैरिया की खबरों के लिए कृपया यहां क्लिक या टैप करें

सपा के जिला महासचिव मनोज सिंह के हस्तक्षेप व अधिकारियों से वार्ता करने के बाद युवाओं को सहमत कराया गया. गौरतलब है कि इब्राहिमाबाद गांव के युवा आशीष सिंह, ज्वाला सिंह, भोला सिंह, दया यादव, लालू साहनी, मणिभूशण, रवि साहनी,  धीरज सिंह,  लोहा सिंह, सन्तोष आदि इब्राहिमाबाद उपरवार के पूर्व प्रधान विनोद सिंह पर इब्राहिमाबाह मौजा में जिला परिशद की भूमि जिस पर पशु मेला लगता है, जिसमें बच्चे खेलते हैं, में से मिट्टी काटने का आरोप लगाते हुये जांच व कार्रवाई की मांग को लेकर धरना पर बैठ थे.

इसे भी पढ़ें – जाम से निजात दिलाने को सिकंदरपुर में भी चला अभियान

इस मामले में खनन विभाग ने मौके पर तहसीलदार के जाकर जांच की. इस प्रक्रिया में छह दिन लगे और धरना जारी रहा. मौके पर पहुंचे सपा के महासचिव मनोज सिंह ने युवाओं की बात सुनी. उच्चाधिकारियों से बात कर उन्होंन तत्काल मामले में कार्रवाई करने को कहा. उपजिलाधिकारी बैरिया अरविन्द कुमार, क्षेत्राधिकारी त्रयंबक दुबे व तहसीलदार मिश्री सिंह चैहान को साथ ले जाकर मनोज सिंह ने आन्दोलित युवाओं से वार्ता करायी. वहां उपजिलाधिकारी ने आरोपी पर जुर्माना कर 15 दिन में जुर्माना की राशि जमा कराने की नोटिस तामिल कराने की बात बतायी. युवाओं ने आरोपी द्वारा धमकी देने तथा उक्त भूमि को खेल मैदान घोषित कराने की मांग की. उपजिलाधिकारी ने जांच कर कार्रवाई व खेल मैदान के लिए शासन को लिखने का आश्वासन दिया. तब धरना समाप्त हुआ.

इसे भी पढ़ें  – बैरिया नगर पंचायत की अधिसूचना में संशोधन

उधर, आरोपी विनोद सिंह का कहना है कि इस मामले में दबाव में एक तरफा कार्रवाई की गई है. जिसके खिलाफ वह न्यायालय जाएंगे. जिस दिन दुबेछपरा रिंग बन्धा टूटा, तब सारे ठेकेदार व मजदूर भाग गये थे। हाइवे पर खतरा था. हाइवे के उत्तरी क्षेत्र पर संकट था, तब अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर मिट्टी काट कर टेंगरही से दुबेछपरा तक सड़क के दक्षिणी किनारे पर मिट्टी डाला गया. यह कार्य सबके सामने जनहित में किया गया है. वह मिट्टी आज भी सड़क के दक्षिणी सिेरे पर टेगरही से दुबेछपरा तक है. उसका परीक्षण किया जा सकता हैं. वह कार्य मेंरे व्यक्तिगत कार्य में नहीं जनहित में आपदा के समय किया गया था. मेरे साथ राजनीति के तहत अन्याय हुआ है.

इसे भी पढ़ें – आज भी यहां झूठ बोलने की हिम्मत कोई नहीं करता

This post is sponsored by ‘Mem-Saab & Zindagi LIVE’