सुनहरे सपनों के पदचाप से मुग्ध नवसृजित नगर पंचायत बैरिया के वासी
बैरिया (बलिया) से वीरेन्द्र नाथ मिश्र
नवसृजित नगर पंचायत बैरिया में अब नगर पंचायत चुनाव की पदचाप स्पष्ट सुनाई देने लगी है. चुनाव मे बतौर प्रत्याशी अपने को पेश करने वालों की तादाद भी बढती जा रही है. नगर पंचायत बनने के बाद वह कौन से कार्य होगे जो पहले पंचायत के समय मे नहीं होते थे, जैसे सवाल व उसके अनुमानित जवाबों का तो जैसे दौर चल रहा है.
वार्ड निर्धारित करके मतदान केन्द्र व मतादाता सूची की तैयारी जोर शोर से चल रही है. सबसे ज्यादा तो चर्चा इस बात को लेकर है कि इस नये नवेले नगर पंचायत की बागडोर पहली पहली बार किसके हाथों मे सौपी जाए. यहां यह गौर तलब है कि पूर्व मे अंग्रेजों के शासन से लेकर आजादी के बाद तक बैरिया नगर पंचायत रह चुका है. जो बाद मे हटा कर ग्राम पंचायत कर दिया गया. उसके बाद अस्सी दशक के पूर्वार्ध से तत्कालीन विधायक डॉ. भोलानाथ पाण्डेय के कार्यकाल से इसे नगर पंचायत बनाने के असफल प्रयास शुरू हो गये. बीच में बैरिया नगर पंचायत बनाने की बयानबाजी मंचों व अखबारों की सुर्खियां बनती रही. लेकिन फाइलें टस से मस नहीं हुयी.
बीते विधानसभा कार्यकाल मे तत्कालीन विधायक जय प्रकाश अंचल ने बैरिया नगर पंचायत के लिये सिर्फ बयानबाज़ी ही नही की, बल्कि अमली जामा पहना कर इस मामले को मंच से धरातल पर उतारा. यूँ तो बयानबाजियां श्रेय को लेकर आज भी हो रही है. लेकिन बैरिया नगर पंचायत का श्रेय इलाके के प्रबुद्ध लोग पूर्व विधायक जयप्रकाश अंचल को ही दे रहे है. अब जबकि नवसृजित बैरिया नगर पंचायत चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. मैदान मे अपने द्वारा किये गये जनसेवा, कराये गये विकास व भविष्य के लिये सपनो की सौगात लेकर प्रत्याशी अपने को चर्चा मे लाने व लोगों से मिलने मिलाने का दौर शुरू कर दिये हैं.