श्रीकृष्ण यादव हत्याकांड – रात साढ़े नौ बजे के करीब धमाके की आवाज हुई थी

वीरेंद्र नाथ मिश्र (कंट्रिब्यूटिंग एडिटर – बलिया लाइव)

बैरिया (बलिया)। बैरिया थाना क्षेत्र के भरत छपरा गांव के पश्चिम संतोष बाबा की मठिया से परमहंस दास जी की मठिया तक जाने वाले मार्ग पर श्रीकृष्ण यादव ऊर्फ मास्टर साहब (58) की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

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श्रीकृष्ण यादव बिहार के सिवान जिले के निवासी थे. संत परमहंस दास के भांजे थे. बचपन से ही श्रीकृष्ण यादव परमहंस दास की मठिया और भरत छपरा में रहे और यही पढ़ाई लिखाई पूरी किए. वर्ष 1995 से वह लगातार कोटवा ग्राम पंचायत से प्रधान पद के प्रत्याशी रहे, लेकिन कभी चुनाव नहीं जीत सके. उनके दो विवाह हुए थे, जिसमें पहली पत्नी को छोड़ दिए थे. दूसरी पत्नी सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से कटकर मर गई. इस मामले में श्री कृष्ण यादव पर मुकदमा भी हुआ था. मौके पर पहुंचकर अन्वेषण ब्यूरो का डॉग स्क्वायड ने दूर दूर तक जांच की.

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श्रीकृष्ण यादव की हत्या की जानकारी शनिवार को सुबह तब हुई जब महिलाएं शौच के लिये निकली और  बीच रास्ते पर उनका शव देख कर चिल्लाने लगी. शोर सुन कर  वहां जुटे ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर बैरिया एसएचओ केके तिवारी तत्काल सदल-बल पहुंचे. घटना स्थल पर पुलिस को 32 एमएम के तीन कारतूस के खोखे शव के पास मिले.

वहां पहुंचे लोगों का कहना था कि शुक्रवार को शाम साढे आठ बजे के लगभग मास्टर साहब रानीगंज चौक पर स्थित जय प्रकाश गुप्ता के कपड़े की दुकान से भरत छपरा गांव के लिए चले थे. भरत छपरा गांव से होते हुए अपने घर परमहंस दास की मठिया पर जाने के लिए निकले थे. कुछ महिलाएं कह रही थी कि साढे नौ  बजे के लगभग उधर धमाके की आवाज सुनी गई. लेकिन यह सोच कर कि खेत में नीलगायों को भगाने के लिए किसी ने पटाखा लगाया होगा या बिजली के तारों के लड़ने से आवाज हुई है. सोचकर किसी ने ध्यान नहीं दिया.

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