आज भी यहां झूठ बोलने की हिम्मत कोई नहीं करता

वीरेंद्र नाथ मिश्र

VIRENDRA_N_MISHRAबैरिया (बलिया)। पूज्य सन्त स्वामी महाराज बाबा का समाधि दिवस मंगलवार को तिवारी के मिल्की स्थित स्वामी जी के समाधि स्थल पर पारंपरिक ढंग से मनाया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में साधु सन्तों व श्रद्धालु भक्तों ने स्वामी जी कि समाधि पर माथा टेका. स्वामी जी महाराज बाबा की मठिया के महन्थ सतीश दास ने बताया कि सन् 1844 ई. में आज ही के दिन स्वामी जी महाराज बाबा ने जिंदा समाधि ली थी. तब से लेकर अब तक स्वामी जी महाराज बाबा कि समाधि पर बने हवन कुंड से लगातार अग्नि प्रज्वलित हो रहा हैं.

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महंथ सतीश दास ने बताया कि इस समाधि स्थल पर बने हवन कुण्ड में शाम को एक छोटी सी बेल कि लकड़ी डाली जाती हैं. यहां की विभूति में बड़ी ताकत हैं. यहां का प्रसाद भी वही हैं. बड़े से बड़ा संकट व अनहोनी स्वामी जी की कृपा से टल जाती हैं. स्वामी जी के समाधि पर जो भी आया वो कभी निराश नही लौटा. स्वामी जी के शिष्य भी एक से बढ़ कर एक थे. प्रसिद्ध सन्त श्री सुदिष्ट बाबा, श्री बिष्णु बाबा, श्री सन्तोष बाबा, श्री होरिल बाबा सहित दर्जनों संत थे.

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स्वामी जी के समाधि पर जाकर आज भी कोई झूठ बोलने कि हिमाकत नहीं करता हैं. बड़े से बड़े मामले स्वामी जी के समाधि पर पहुंचने से पहले ही हल हो जाते हैं. लाखों के मामले स्वामी जी का नाम लेते ही हल हो जाते हैं. यहां के थाने व कचहरी में जो मामले हल नहीं होते स्वामी जी की समाधि पर चुटकी में हल हो जाते है. ऐसी मान्यता हैं कि स्वामी जी कि समाधि पर चढ़ कर अगर कोई झूठ बोलता है तो उसे यहां दंड जरूर मिलता हैं. समाधि दिवस पर दिन भर भक्तों की भीड़ माथा टेकने पहुंचती रही. इस मौके पर संत रामबालक दास, श्री राम दास, राजेश्वर दास, राकेश दास, उमा दास, बालक तपस्वी सीताराम दास सहित दर्जनों सन्त स्वामी जी महाराज बाबा कि समाधि पर पहुंचे थे. सभी सन्तों ने प्रसाद ग्रहण किया. महंथ सतीश दास ने सन्तों को वस्त्र व दक्षिणा देकर विदा किया. इस मौके पर धार्मिक आयोजन हुए.

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