कमिश्नर ने मातहतों की कसी नकेल

बलिया। सिंचाई विभाग बाढ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त रिर्पोट के अनुसार सभी नदियों का जलस्तर घटाव पर है. गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 60.260 मीटर है, घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपीहेड पर 62.750 मीटर, चांदपुर पर 58.08 मीटर, मांझी पर 56.32 मीटर एवं टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 60.10 मीटर है.

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आयुक्त आजमगढ़ मण्ड़ल नीलम अहलावत ने राहत केन्द्र प्रभारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ पीड़ितों को सभी सुविधायें एवं मदद समय से मिल जाय. राहत केन्द्र प्रभारियों की यह जिम्मेदारी है कि बाढ़ पीडितों को कोई तकलीफ न हो.

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मंण्डलायुक्त जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में स्थित सभागार में बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य से जुडे़ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में राहत एवं बचाव कार्यो की देर रात तक समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को आपस में एक बेहतर समन्वय बनाकर टीम भावना से कार्य करने को कहा. राहत केन्द्र प्रभारी दिन में दो बार सुबह और शाम को राहत केन्द्र पर अवश्य पहुंच जाय और वहां पर आवश्यकता का आकलन कर लें. साथ ही व्यवस्था पर नजर रखे और फील्ड में रहकर निरीक्षण करते रहे. कहा कि राहत केन्द्र प्रभारी का इस दैवीय आपदा में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि कितनी राहत सामग्री दी गयी है उसका रोज रिकार्ड मेनटेन करें.

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मंण्डलायुक्त ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि जहा-जहां पर भूसा गिरेगा, उसे चिन्हित कर ले और इसके बारे में एसडीएम को बताये. ग्राम प्रधान, लोकल लेखपाल तथा पशुपालन विभाग का एक अधिकारी के देख-रेख में भूसा/चारे का वितरण हो. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम को हर जगह सक्रिय होने पर इस व्यवस्था पर संतोष जताया. सीएमओ को निर्देश दिया कि जब पानी घटेगा तो उस समय सतर्क रहना होगा कि बीमारी न फैले और बीमारी के रोकथाम एवं प्रभावी उपाय की तैयारी पहले से कर ली जाय. उन्होंने ग्राम चिरईया और बघेजी में नाव की संख्या बढाने का निर्देश दिया.

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साथ ही यह भी कहा कि अतिरिक्त नाव की मांग कर लिया जाय। मंण्डलायुक्त ने अधिकारियों को इस बात की हिदायत दी कि वरिष्ठ अधिकारियों का फोन अवश्य अटेन्ड करे। यदि किसी कारण से अटेन्ड नही किये तो काल बैक जरूर करे, वरना कड़ी कार्रवाई का सामना करना पडे़गा।

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जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने बताया कि 40 हजार से अधिक लोगों को एनडीआरएफ, पीएसी एवं अन्य नावों द्वारा बचाव किया गया है. उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि कोई लाईफ लास न हो. उन्होंने मंण्डलायुक्त को बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यो की पूरी जानकारी दी. साथ ही यह भी कहा कि क्विक रिस्पान्स से पशुओं एवं मानव जीवन को बचाया गया है. बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए सभी अधिकारियों कर्मचारियों को सेवा भावना मानवता एवं संवेदनशीलता के साथ एकजुट होकर काम करना होगा. सामग्रियो के वितरण की डाक्यूमेन्टेशन जरूरी है. पेयजल हेतु टैंकर की संख्या बढायी जाय. प्रतिदिन शाम को सेक्टर प्रभारी अपना फीड बैक कन्ट्रोल रूम को दे.

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जिला पूर्ति अधिकारी अनील कुमार यादव ने बताया कि बैरिया के लिए 20 हजार और तहसील सदर के लिए 24 हजार लीटर मिट्टी तेल का आवंटन किया गया है. बैठक में अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंघल, बच्चा लाला मौर्य, सीआरओ, बीराम, अपर पुलिस अधीक्षक रामयज्ञ यादव, सीएमओ डॉ. पीके सिंह, सभी एसडीएम,  सेक्टर प्रभारी एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे.

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