काशी से मांझी तक गंगा का रौद्र श्रृंगार, दहला बलिया

विनाश पर आमादा चंडी के गेटअप में मोक्षदायिनी, कई विद्यालय अनिश्चित काल के लिए बंद, डीएम की डिमांड पर रात तक पहुंचेगी एनडीआरएफ टीम

बलिया लाइव ब्यूरो

बलिया। कई गांवों में गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. बक्सर से लेकर मांझी घाट तक गंगा अपने पूरे फार्म में है. इलाहाबाद में गंगा का जल स्तर बढ़ने के कारण अगले 24 घंटे के दौरान बलिया में पानी बढ़ने की प्रबल संभावना है. अगर गंगा का पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो सन् 2003 और 2013 का रिकॉर्ड भी टूट सकता है.
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गंगा किनारे वालों का कहना है कि अगर विभाग शासन से आये धन का आधा हिस्सा भी नदी का सतह नीचे जाने पर खर्च करता तो कटान पर काफी हद तक अंकुश लग जाता. मगर यहां तो बलिया बैरिया बांध के किनारे बसे गांव भी बगले झांक रहे हैं
गंगा किनारे वालों का कहना है कि अगर विभाग शासन से आये धन का आधा हिस्सा भी नदी का सतह नीचे जाने पर खर्च करता तो कटान पर काफी हद तक अंकुश लग जाता. मगर यहां तो बलिया बैरिया बांध के किनारे बसे गांव भी बगले झांक रहे हैं

2003 और 2013 के भयावह मंजर याद आने लगे हैं
प्रसाद छपरा को लील चुकी गंगा नदी का तेवर अब डरावना हो गया है. लोग घर-द्वार छोड़कर भाग रहे है. नाव की माकूल व्यवस्था नहीं है. बाढ़-चौकियों का कहीं अता-पता नहीं है. कई संपर्क मार्ग बह गए हैं. इतिहास के पन्नों पर ध्यान दें तो गंगा नदी वर्ष 2003 में गायघाट गेज पर 60.250 मीटर के बिंदु पर पहुंची थी, जो अब तक का हाई लेवल है. वर्ष 2013 में भी बाढ़ का रौद्र रूप था, लेकिन नदी का जलस्तर 60.140 मीटर तक ही पहुंचा था. शनिवार को नदी का जलस्तर 59.850 मीटर पहुंच चुका है, जबकि बढाव जारी है. चांद दियर चौकी के आगे सड़क से थोड़ा ही नीचे पानी देखने के बाद डीएम ने राहत आयुक्त से बात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया. उन्होंने बाढ़ में फंसे गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए.

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गंगा का मौजूदा रूप अभी दो तबके के विशेष तौर पर होश उड़ाए हुए है, पहले मवेशी और दूसरे दिहाड़ी मजदूर, दोनों के लिए पेट भरना टेढी खीर हो चुका है
गंगा का मौजूदा रूप अभी दो तबके के विशेष तौर पर होश उड़ाए हुए है, पहले मवेशी और दूसरे दिहाड़ी मजदूर, दोनों के लिए पेट भरना टेढी खीर हो चुका है

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दुबे छपरा रिंग बांध पर गंगा की लहरों का दबाव
शनिवार को बाढ़ प्रभावित गांव का दौरा करने के बाद जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस ने एनडीआरएफ की मांग की है. उम्मीद जताया है कि शनिवार को ही देर रात तक यह टीम बलिया पहुंच जाएगी. दुबे छपरा रिंग बांध पर गंगा की लहरों का दबाव बना हुआ है. इस रिंग बांध के कभी भी टूट जाने की आशंका के चलते इसके अंदर बसे लोग भयभीत हैं. चौकी चांदिया के पास बाढ़ का पानी कभी भी ओवरफ्लो कर सकता है. शनिवार को नदी का जलस्तर में वृद्धि का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है.

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वाराणसी और चंदौली में गंगा के खतरे के निशान से ऊपर बहने से तटवर्ती इलाके के लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है. भदोही, मिर्जापुर, गाजीपुर और बलिया में गंगा बढ़ाव पर हैं। मिर्जापुर ... चंदौली में गंगा खतरे के निशान 71.26 मीटर को पार कर गई
वाराणसी और चंदौली में गंगा के खतरे के निशान से ऊपर बहने से तटवर्ती इलाके के लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है. भदोही, मिर्जापुर, गाजीपुर और बलिया में गंगा बढ़ाव पर हैं. मिर्जापुर … चंदौली में गंगा खतरे के निशान 71.26 मीटर को पार कर गई.

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द्वाबा के किसान तो बर्बाद हो गए
गंगा के विनाशकारी बाढ़ ने विशेष तौर पर द्वाबा में भारी तबाही मचा रखी है. बीएसटी बंधे के बाहर हजारों एकड़ में बोई गई खरीफ की फसल डूब कर नष्ट हो गई है. वहीं दर्जन भर गांवों की हजारों की संख्या में आबादी बाढ़ की पानी से परेशान हैं. सड़क पर अधिकारियों के वाहन दौड़ते जरूर नजर आ रहे हैं, किंतु राहत व बचाव के नाम पर अभी तक जुबानी जमा खर्च ही हो रहा है. बंधे के बाहर रामपुर कोड़रहा, भवन टोला, नौरंगा, चक्की नौरंगा, भुवाल छपरा के अलावा जगदीशपुर, गड़ेरिया, सेमरिया, बलवंत छपरा सहित दर्जन भर गांवों की स्थिति बाढ़ के कारण खराब हो गई है.

शनिवार को गंगा का बढ़ता दायरा देख शिक्षा अधिकारियों के भी कान खड़े हो गए
शनिवार को गंगा का बढ़ता दायरा देख शिक्षा अधिकारियों के भी कान खड़े हो गए

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चौबे छपरा, श्रीनगर, गंगापुर का अस्तित्व खतरे में
इलाहाबाद में गंगा के प्रति घंटा 3 सेंटीमीटर की दर से बढ़ने की सूचना है. बलिया में शनिवार को नदी का जलस्तर 59.85 0 मीटर पहुंच चुका था. जबकि द्रुत गति से बढ़ाव जारी है. गंगा नदी में लगातार बढ़ाव से क्षेत्र के चौबे छपरा, श्रीनगर, गंगापुर का अस्तित्व खतरे में है. वही दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं. बलिया के ब्लॉक संसाधन केंद्र दुबहर में बाढ़ का पानी अंदर तक प्रवेश कर गया है. इस शिक्षा क्षेत्र के 18, सोहावं में 15, बेलहरी के 18, मुरली छपरा में 25 तथा बैरिया में 21 स्कूल पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं.
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बलिया में वर्ष 2003 और 2013 के दौरान आए भयंकर बाढ़ के रिकार्ड को तोड़ने पर आतुर गंगा के रौद्र रूप में आने की वजह हुई भयावह स्थिति में स्वास्थ्य विभाग ने पीड़ितों की राहत के लिए मोर्चा संभाल लिया है. हालात है कि के आधे क्षेत्र में जल प्लावन के हालात हैं. कई स्कूलो में तो अंदर तक गंगा का पानी घुस चुका है.
बलिया में वर्ष 2003 और 2013 के दौरान आए भयंकर बाढ़ के रिकार्ड को तोड़ने पर आतुर गंगा के रौद्र रूप में आने की वजह हुई भयावह स्थिति में स्वास्थ्य विभाग ने पीड़ितों की राहत के लिए मोर्चा संभाल लिया है. हालात है कि के आधे क्षेत्र में जल प्लावन के हालात हैं. कई स्कूलो में तो अंदर तक गंगा का पानी घुस चुका है.

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मझौवा तथा पचरुखिया के बीच गंगा की लहरें हाईवे से टकराने लगी हैं
तटवर्ती इलाकों में पानी फैलने लगा है. गांव की स्थिति दयनीय हो गई है. कई बस्तियों में पानी पहुंचने के कारण लोग घर छोड़कर दूसरी जगह शरण लिए हुए हैं. कदम तर से ढाल बांध में रिसाव होने से उसके अंदर बसे गांवों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है. मझौवा तथा पचरुखिया के बीच गंगा की सीधी लहरें एनएच से टकराने लगी हैं. गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए भारी वाहनों का इस मार्ग पर चलना प्रतिबंधित कर दिया गया है. द्वाबा क्षेत्र में स्थिति भयावह है. जिलाधिकारी गोविंद राजू ने शनिवार को राजस्व विभाग के अधिकारियों को क्षेत्र में बने रहने का निर्देश दिया है. सदर उपजिलाधिकारी रामानुज सिंह तथा बैरिया के उपजिलाधिकारी अरविंद कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.
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मोक्षदायिनी मां गंगा इन दिनों अपने रौद्र रूप में है. गंगा का बढ़ता जल अब किनारे को छोड़कर इलाहाबाद और वाराणसी की कॉलोनियों में प्रवेश कर चुका है. बनारस में सामने घाट स्थित मारुति नगर कॉलोनी तो गंगा के जल में समा गई है. बलिया में दुबहर का नजारा आपको इस तस्वीर में साफ दिख रहा होगा.
मोक्षदायिनी मां गंगा इन दिनों अपने रौद्र रूप में है. गंगा का बढ़ता जल अब किनारे को छोड़कर इलाहाबाद और वाराणसी की कॉलोनियों में प्रवेश कर चुका है. बनारस में सामने घाट स्थित मारुति नगर कॉलोनी तो गंगा के जल में समा गई है. बलिया में दुबहर का नजारा आपको इस तस्वीर में साफ दिख रहा होगा.

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विद्यालयों में पानी भरा देखकर बैरंग लौट गए छात्र
खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार ने शनिवार को ब्लॉक संसाधन केंद्र दो बाहर के अभ्यर्थी श्रीकांत दूबे के साथ दौरा किया. उन्होंने बताया कि ब्लॉक लोक शिक्षा केंद्र पूर्व माध्यमिक विद्यालय दुबहर प्राथमिक विद्यालय दुबहर, कन्या प्राथमिक विद्यालय भड़सर, प्राथमिक विद्यालय ओझवलिया, उच्च प्राथमिक विद्यालय ओझवलिया, हरिहरपुर सहित कई विद्यालयों में पानी प्रवेश कर जाने के कारण विद्यालय अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए गए हैं. शनिवार को सुबह बच्चे एवं शिक्षक विद्यालय पहुंचे, परंतु विद्यालयों में पानी भरा देखकर बैरंग लौट गए.

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