परम ब्रह्म के दर्शन के लिए सर्वस्व न्योच्छावर करना पड़ता है

सिकन्दरपुर (बलिया)। वेद वाणी को जिस परम ब्रम्ह परमात्मा का स्वरूप बताया गया है, उसे लौकिक मानव नहीं देख सकते. उस परम सत्ता का दर्शन तभी संभव है, जब हम पूर्ण रूप से गुरुदेव के शरणागत होकर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दें. गुरुदेव से ज्ञान प्राप्त कर उनके बताए मार्ग का अनुसरण करें. यह विचार है श्री बनखंडी नाथ मठ सेवा समिति के अध्यक्ष स्वामी ईश्वरदास ब्रह्मचारी का.

वह क्षेत्र के परम धाम परिसर में चल रहे गुरु पूजा महोत्सव एवं शिव शक्ति यज्ञ के तहत भक्तों के बीच प्रवचन कर रहे थे. कहा कि आज के घोर कलिकाल में जहां चारों तरफ आनाचार भ्रष्टाचार दुराचार का बोल बाला है, वही संत सदगुरु के माध्यम से मठ व देवालयों में साधारणजन को सन्मार्ग पर लाने हेतु यज्ञ, हवन, दर्शन आदि के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है. कहा कि परमात्मा के शरण में जाने और उसकी कृपा से परम शक्ति प्राप्त होती है. इस मौके पर नरेंद्र ब्रहमचारी, हरि ब्रहमचारी, प्रीति उपाध्याय, अगर सिंह, गोरखदास आदि प्रमुख लोग मौजूद थे. (प्रतीकात्मक फाइल फोटो)

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