दीयारों के बाद कई गांवों को डराने लगी है घाघरा

बलिया लाइव टीम

सिकन्दरपुर /बलिया। उफनाई घाघरा नदी ने क्षेत्र में तबाही मचाना शुरू कर दिया है. जलस्तर में तेज वृद्धि के साथ ही प्रायः सभी दीयारों की हालत पतली होती जा रही है. सीसोटार, लीलकर, गोसाईपुर, बसारिखपुर आदि दियारों में बाढ़ का पानी तेजी से फैलता जा रहा है. इन दियारों में बोई गई सब्जी, मक्का, बाजरा, धान, गन्ना आदि की फसलें डुबती जा रही हैं, जिससे उनके नष्ट होने का खतरा बढ़ता जा रहा है.

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ऐतिहासिक वनखंडीनाथ मठ के अस्तित्व पर संकट के बादल
ऐतिहासिक वनखंडीनाथ मठ के अस्तित्व पर संकट के बादल

गंगा बढ़ाव पर, टोंस स्थिर

गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 55.90 मीटर है, जो बढ़ाव पर है. गंगा नदी खतरा बिन्दु से नीचे है. घाघरा नदी का डीएसपी हेड पर जलस्तर 64.300 मीटर है, जो स्थिर है. चांदपुर में जलस्तर 58.95 मीटर और मांझी में जलस्तर 54.80 मीटर है, जो बढ़ाव पर है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 56.40 मीटर है, जो स्थिर है.

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पानी पर नियंत्रण की सारी प्रशासनिक कवायद फेल
पानी पर नियंत्रण की सारी प्रशासनिक कवायद फेल

 

सुरक्षित स्थान के लिए पलायन कर रहे हैं किसान

पानी में तेज वृद्धि के मद्देनजर दीयारों के किसान अपना आशियाना उजाड़ सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन करने लगे हैं. इस दौरान दियारा लीलकर, मंगही व सीसोटार में पानी में डूबी नदी किनारे की जमीन पल पल बैठ अस्तित्व खोती जा रही है. कई दिनों से पानी में डूबने से जमीन की सतह कमजोर होती जा रही है.

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ग्रामीणों की जान सांसत में
ग्रामीणों की जान सांसत में

वनखंडी नाथ मठ डूहां तक पानी न पहुंचने देने की कवायद फेल

उधर, वनखंडी नाथ मठ डूहां तक पानी नहीं पहुंचने देने की बाढ़ विभाग की सारी कवायद विफल हो गयी है. पिचिंग के माध्यम से सुरक्षा के लिए की गई प्रतिरोधी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. बंधी में लगाए गए जियोग बैग के बैठ जाने से बाढ़ का पानी मठ की दीवाल पर करीब चार फीट ऊपर तक सट कर बहने लगा है. पूरब और पश्चिम की दीवालों व परिसर की सीढ़ियों तक पहुंचने के लिए पानी आतुर है. इससे मठ के साधु संतों की बेचैनी बढ़ गई है.

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हाहानाला और तुर्तीपार रेग्युलेटर पर पानी का दबाव

नदी का पानी कई ग्रामों से सटकर बह रहा है. जिससे लोग दहशत में है. हाहानाला और तुर्तीपार रेग्युलेटर पर पानी का दबाव बढ़ गया है. बेल्थरा बाजार के गौतम बुद्ध घाट स्थित ठाकुर मंदिर की दीवार से टकराकर नदी की धारा बह रही है. वहीं तेजधारा के चलते शवदाह गृह की दीवारों में दरार पड़  गया है. कई तटवर्ती ग्राम बाढ़ के पानी से घिर गए है. चैनपुर गुलौरा, मठिया और सहिया में कटान हो रहा है. सहिया के यादव बस्ती और एतिहासिक रामलीला मंच के अस्तित्व पर संकट के बादल मड़राने लगे है. उधर, बाढ़ का पानी  देवरिया-बलिया मार्ग तक पहुंच गया है.

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संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारी पूरी कर  ली गई है. तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों को एलर्ट कर दिया गया है – चंद्रभूषण प्रताप (नायब तहसीलदार)

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