बलिया लाइव ब्यूरो
बलिया। जिले में आगामी 10 अगस्त को सभी 3455 आंगनबाड़ी केंद्रों पर हौसला पोषण योजना का शुभारंभ होगा. इसके लिए जनपद को 36 सेक्टरों में विभाजित करते हुए अधिकारियों को सेक्टर अधिकारी के रूप में नामित किया गया है. जिले के सभी 17 ब्लाकों में 28 जुलाई से योजना के बारे में प्रशिक्षण होगा. उक्त जानकारी कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को जिलाधिकारी राकेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित जिला पोषण समिति की बैठक में डीपीओ रामभवन वर्मा ने दी. जिलाधिकारी ने कहा कि इस योजना को एक अभियान के रूप चलाया जा रहा है.
विद्यालय के किचन में ही तैयार होगा भोजन
10 अगस्त को सभी प्राथमिक विद्यालयों के आंगनबाडी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं एवं अति कुपोषित बच्चों को खाना खिलाया जाएगा. भोजन विद्यालय के किचन में ही तैयार होगा. आंगनबाडी सहायिका या एमडीएम की रसोईया खाना बनाएंगी. गर्भवती महिलाओं एवं अतिकुपोषित बच्चों के लिए अलग-अलग मेन्यू प्लान निर्धारित है. कोई भी बच्चा कमजोर एवं गर्भवती महिला अस्वस्थ न रहे और उनके खानपान व ईलाज में कोई कमी न रहे इसी उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि 10 अगस्त को आंगनबाडी कार्यकत्री व आशा अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगी. चिन्हित अतिकुपोषित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को आंगनबाडी केंद्र पर लाकर खाना खिलाना सुनिश्चित करेंगी. आंगनबाडी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं को होल मिल्क पाउडर (डब्ल्यूएमपी) पीने के लिए दिया जाएगा. अतिकुपोषित बच्चों को 20 ग्राम देशी घी प्रति बच्चे की दर से पुष्टाहार में मिलाकर उसका लड्डू बनाकर खिलाया जाएगा. इसके अलावा फल और दूध भी दिया जाएगा. आशा बहुएं उस दिन आयरन की गोली भी खिलाएंगी.
मानिरटरिंग के लिए सीडीओ कार्यालय में कंट्रोल रूम
इस हौसला पोषण योजना की मानिटरिंग के लिए सीडीओ कार्यालय में एक कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिसका नम्बर 05498-221300 है. सेक्टर अधिकारी कन्ट्रोल रूम पर रिपोर्ट देंगे कि किस आंगनबाडी केंद्र पर खाना बना है या नहीं. उसी दिन शासन और आईसीडीएस विभाग को भी रिपोर्ट भेजा जाएगा. जिलाधिकारी ने इस योजना को बहुत ही महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अधिकारी एवं कर्मचारी इसे पूरी गम्भीरता से लेंगे और योजना के बेहतर क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देंगे. इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी. यह शासन की अत्यंत महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजना है. इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में पूरी निष्ठा एवं लगन से काम करेंगे. इस कार्यक्रम में सीडीपीओ की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है.
सेक्टर आफिसर रखेंगे पैनी नजर
सेक्टर आफिसर फील्ड में भ्रमण कर पूरे कार्यक्रम पर पैनी नजर रखेंगे. फीडबैक देंगे कि जो बच्चे कमजोर है और भर्ती लायक है, उनको सम्बन्धित एमओवाईसी द्वारा पोषण पुनर्वास केंद्र को सन्दर्भित कराएंगे. जिलाधिकारी ने समय निर्धारित करते हुए कहा कि 10 अगस्त को विद्यालयों के आंगनबाडी केंद्रों पर साढे ग्यारह से साढे बारह के बीच खाना खिलाया जाएगा. जिलाधिकारी ने गोद लिये गांव के नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक माह में दो बार गांव का भ्रमण करेंगे और उसकी सूचना निर्धारित प्रारूप पर देंगे. जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि 102 एम्बुलेंस से कुपोषित बच्चों को जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र पर भेजा जाएगा. इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से वार्ता करने को कहा.
योजना के पात्र लाभार्थी
- डीपीओ ने बताया कि 06 माह से 06 वर्ष तक के अतिकुपोषित बच्चे तथा गर्भवती महिलाएं इस योजना के तहत पात्र लाभार्थी है. इसके अलावा 06 माह के 03 वर्ष तक के बच्चों के लिए अलग मेन्यू है.