हाल पीएचसी कोटवा का : रजिस्टर पर हस्ताक्षर, पर मौके पर नदारद

युवा नेताओं ने की हास्पिटल की आकस्मिक जांच 
बैरिया (बलिया)। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवा के चिकित्सक व कर्मचारी शनिवार को 10 बजे के बाद ड्यूटी पर पहुंचे. उधर, कई संगठनों के युवाओं ने अस्पताल में आकस्मिक जांच  की. इस बात से नाराज छात्र संघ, हिन्दू युवा वाहिनी, भाजपा के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में   जमकर हंगामा किया. सूचना पर उपजिलाधिकारी ने कानूनगो व लेखपाल को मौके पर भेज कर जांच रिपोर्ट अपने समक्ष मंगवाया.
पीएचसी कोटवा के अधिकांश चिकित्सक व कर्मचारी शुक्रवार को ही शनिवार का भी उपस्थिति पंजिका पर चार डॉक्टर व 26 कर्मचारियों का हस्ताक्षर बना दिये थे और ड्यूटी पर सिर्फ तीन डॉक्टर व 10 कर्मचारी ही उपस्थित रहे. लेकिन यह भी सुबह आठ बजे की जगह नौ बजे से साढ़े दस बजे तक पहुंचे. अन्य डॉक्टर कर्मचारी उपस्थित रजिस्टर पर हस्ताक्षर के बावजूद नदारद रहे. इसको लेकर जमकर हंगामा हुआ. चिकित्सक व कर्मचारी जब साढ़े दस बजे स्वास्थ्य केंद्र पहुचे तो नेताओ ने मेन गेट का दरवाजा कुछ देर के लिए बन्द कर दिया. रोगियों को असुविधा को देखते हुए दरवाजा खोला भी तो उपस्थित रजिस्टर अपने कब्जे में ले लिया. करीब दो घण्टा तक हंगामा चलता रहा.
सूचना पर एसडीएम अवधेश कुमार मिश्र ने कानूनगो विनोद कुमार व लेखपाल मदन यादव को मौके पर भेजा. कानूनगो व लेखपाल ने हास्पिटल पहुंच युवा नेताओं से व कर्मचारियों  से बात करने के बाद बताया कि अभी की रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दिया जाएगा. विभागीय करवाई होगी.
हालांकि उपस्थित डॉ. बासुदेव गुप्ता, डॉ. सफीउल्लाह का कहना है कि स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों का आवास जर्जर हो कर खण्डहर में तब्दील हो गया है. इस कारण 40 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय से आने में कभी कभार देर हो जाती है. आन्दोलित युवाओं ने व्यवस्था सुधार की मांग की. वहां से युवाओं का दल सीधे बैरिया तहसील मे उपजिलाधिकारी से जाकर मिले. बताये कि हास्पिटल में कर्मचारी व चिकित्सक ड्यूटी करने में मनमानी करते हैं. अधिकांश तो आते ही नहीं. जबकि रजिस्टर पर एक दिन पहले एडवांस में हस्ताक्षर बना लेते हैं. यहां का जनरेटर कभी चलता ही नहीं . प्रसव के लिये आने वाली महिलाओं का खूब शोषण होता है. यह सब बन्द होना चाहिए.
आन्दोलित युवाओं ने हास्पिटल कर्मियों के इस्तीफा देने की बात पर कहा कि अच्छा है. हमारे मुख्यमन्त्री योगी का कहना है कि अगर अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं कर सकते तो दूसरे के लिए जगह दें. जिस कार्य के लिये वेतन मिलता है वह तो करना ही पडेगा. भ्रष्ट आचरण बना चुके गैर जिम्मेदार डॉक्टरों व कर्मचारियों को आज हम बस यह चेतावनी भर  दे रहें हैं कि कल से सब कुछ ठीक हो जाना चाहिए. हम सुधरने के लिये समय दे रहे हैं, अन्यथा की स्थिति में आगे गडबडी मिली तो विधायक, सांसद व जिलाधिकारी से सिर्फ कार्रवाई की मांग होगी.  उपजिलाधिकारी ने ऐसा ही करने का आश्वासन दिया. आन्दोलित युवाओं मे रवि सिंह, रवींद्र सिंह, अभिषेक सिंह, सन्तोष सिंह, मनीष गोस्वामी, मंगल सिंह आदि दर्जनों शामिल रहे.
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