चार्टर्ड प्लेन से आया हैदर अली टाइगर का सिंबल

कांग्रेसी अरविंद किशोर राय का ई-मेल पर आया सिंबल

गाजीपुर से विकास राय 

सपा-कांग्रेस गठबंधन में मुहम्मदाबाद सीट को लेकर नामांकन के आखिरी दिन गुरुवार को खूब नौटंकी हुई. आखिर में सपा के हैदर अली टाइगर तथा कांग्रेस के अरविंद किशोर राय ने भी नामांकन किया. टाइगर का सिंबल विशेष विमान से पार्टी के मुख्यालय सचिव अरविंद सिंह शाम ढाई बजे लेकर पहुंचे, जबकि अरविंद का सिंबल ई-मेल से प्रशासन को भेजा गया. उनकी ओर से बताया गया कि हार्ड कॉपी सड़क मार्ग से भेजी गई है.

एडीएम आनंद शुक्ल ने बताया कि आयोग के निर्देश पर कांग्रेस उम्मीदवार के सिंबल पर विचार होगा. हालांकि माना जा रहा है कि अरविंद किशोर राय का पर्चा खारिज होगा. वजह वह दल की हैसियत से नामांकन में अपने साथ मात्र चार प्रस्तावक ही पेश किए. इस दशा में वह निर्दल उम्मीदवार भी नहीं हो सकते. उसके लिए दस प्रस्तावक जरूरी है.

मालूम हो कि गठबंधन में मुहम्मदाबाद सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. कांग्रेस से अपनी घोषणा के बाद जनक कुशवाहा ने नामांकन भी कर दिया, लेकिन फिर नामांकन के आखिरी दिन सुबह से घटनाक्रम शुरू हुआ. पहले सपा नेता राजेश राय पप्पू को कांग्रेस से लड़ने को कहा गया. वह पिछला चुनाव मुहम्मदाबाद से सपा के टिकट पर लड़े थे, लेकिन पप्पू ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि वह सपा के सच्चे सिपाही हैं. उन्हें किसी दूसरी पार्टी के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ना है. उसके बाद कांग्रेस की ओर से अन्य भूमिहार नेताओं को पेशकश हुई, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ. तब पिछले चुनाव में पार्टी उम्मीदवार रह चुके अरविंद किशोर राय को इसके लिए तैयार किया गया.

चर्चा है कि इसके लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने राय से फोन पर बात की. वह वाराणसी से नामांकन के लिए गाजीपुर आए. उस बीच उनके नामांकन की कागजी तैयारी पूरी कर ली गई थी. उधर सपा नेतृत्व ने हैदर अली टाइगर को चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया. टाइगर भी लखनऊ से सड़क मार्ग से गाजीपुर के लिए चल दिए. दोपहर तक वह भी गाजीपुर पहुंच गए. उसके पहले सपा के लोग उनका भी कागजी कोरम पूरा कर लिए थे.

मुहम्मदाबाद सीट को लेकर सपा-कांग्रेस गठबंधन के इस घटनाक्रम पर राजनीतिक हलके में चर्चा का विषय बन गया है. चर्चा हो रही है कि इस घटनाक्रम में गठबंधन के दोनों दलों की जो मंशा हो, लेकिन इसके पीछे कहीं न कहीं अंसारी बंधु केंद्र में हैं. कुछ लोगों का कहना है कि सपा नेता आजम खां ने पार्टी मुखिया को यह विश्वास दिलाने में सफल रहे कि मुहम्मदाबाद में कांग्रेस के जनक कुशवाहा की उम्मीदवारी से संदेश यही जा रहा है कि सपा अंसारी बंधुओं को खत्म करना चाहती है. इससे मुस्लिमों में पार्टी के प्रति अविश्वनीयता की स्थिति बनेगी. उसके बाद ही कांग्रेस को कोई और दमदार उम्मीदवार उतारने को कहा गया, लेकिन जब बात बनती नहीं दिखी, तब सपा ने खुद मुस्लिम नेता हैदर अली टाइगर पर ही दाव लगाने का फैसला लिया.

टाइगर के नामांकन के वक्त उनके साथ पार्टी एमएलसी विजय यादव, जिलाध्यक्ष डॉ.नन्हकू यादव, सुधीर यादव बब्बू, धर्मदेव यादव आदि भी कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. मजे की बात कि गठबंधन के इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा के नेताओं की भी शुरू से अंत तक नजर लगी रही. नामांकन के बाद हैदर अली टाइगर मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि सपा ने उन्हें जिस भरोसे से टिकट दिया है, उस पर वह खरे उतरेंगे. एक सवाल पर उनका कहना था कि उनके सामने अंसारी बंधुओं की कोई हैसियत नहीं है. कई ऐसे मौके आए जब उनसे अंसारी बंधुओं की टक्टर हुई और उसमें वह परास्त हुए. इस बार मुहम्मदाबाद से उनका बोरिया-बिस्तर बंध जाएगा. हकीकत यही है कि मुख्तार अंसारी कोई राजनेता नहीं हैं. बस वह राजसत्ता के साथ रहना चाहते हैं. उनका कोई दल नहीं है.

इसी क्रम में जहूराबाद विधान सभा क्षेत्र से करीमुद्दीन पुर निवासी आनन्द बिहारी राय चुलबुल ने भी अपना नामांकन किया. समर्थकों ने आनन्द बिहारी राय को माल्यार्पण करने के पश्चात नामांकन के लिए रवाना किया. मीडिया से बात करते हुए आनन्द बिहारी राय ने कहा कि जहूराबाद विधान सभा क्षेत्र में केवल आयात किये हुए लोग ही प्रत्याशी हैं. क्या जहूराबाद विधान सभा क्षेत्र में चुनाव लडने लायक कोई भी किसी पार्टी को नहीं मिला. किसी भी प्रत्याशी का घर जहूराबाद में जब नहीं है, तो वह क्या जहूराबाद के लोगों का दुख दर्द समझेगा. इस बार जहूराबाद के नौजवान ही दिशा और दशा तय करेंगे. इनके साथ मिथिलेश राय, डब्लू राय, शक्ति राय, पिकू राय ,बब्बू राय,समेत सैकडो की संख्या में उत्साहित लोग जिला मुख्यालय पर उपस्थित रहे.

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