सूखा पड़ा तो भूखे मरना पड़ेगा, नहीं जुड़ाए खेत

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बलिया लाइव संवाददाता
सिकन्दरपुर (बलिया)। पर्याप्त बारिश न होने के चलते सूखा पड़ने की आशंका से इलाकाई अन्नदाताओं की चिंता बढ़ती जा रही है. कारण, पानी के आभाव में धान की रोपाई के काम पर उल्टा असर पड़ रहा है. साधन संपन्न और नहरों के समीप वाले किसान तो अपने खेतों में धान की रोपाई का काम निर्बाध रूप से कर रहे हैं. भले ही नलकूप का पानी महंगा पड़ रहा है.

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अभी तक इतनी बारिश नहीं हुई कि धरती की हलक तर हो सके

साधनहीन व नहरों से दूर के किसान पानी के अभाव व बारिश के इंतजार में हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं. उन्हें यह चिंता सता रही कि समय निकलता जा रहा है इस बीच यदि बारिश नहीं हुई तो धान की रोपाई कैसे होगी. ऐसी हालत में पानी के अभाव में उनका बेहन तो सूखेगा ही. खेतों को परती छोड़ना पड़ेगा. इसका सीधा दुष्प्रभाव उनकी आर्थिक व पारिवारिक स्थिति पर पड़ेगा. धान पैदा नहीं होने पर परिवार के लोग क्या खाएंगे, अन्य काम कैसे पूरा होंगे? तब तो बाजार से महंगा चावल खरीद कर परिवार की गाड़ी चलानी पड़ेगी. मालूम हो कि एक दो बार हल्की बारिश ही इलाके में हुई है. एक भी ऐसी बारिश नहीं हुई है जो खेतों की प्यास को बुझा सके. इस स्थिति के चलते धान की रोपाई लगभग ठप ही है.