बलिया लाइव ब्यूरो
बलिया। साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘अपरिमिता’ द्वारा आयोजित समर कैम्प का समापन शुक्रवार को बाल उत्सव के रूप में हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. जनार्दन राय, दुलेश्वरी राय व उमा सिंह ने मां सरस्वती के समक्ष संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कहा कि बच्चों में अपार प्रतिभागत संभावनाएं होती हैं, आवश्यक्ता इस बात की है कि उन्हें निखारा कैसे जाए. गीत, वाद्य और नृत्य के संयोजन से संगीत का निर्माण हुआ.
सोनू, अनामिका और प्रगति ने भी मंत्र मुग्ध किया
संगीत की साधना करने वाले चारित्रिक बल के धनी होते हैं. इससे राष्ट्र व समाज निर्माण में बल मिलता है. संस्था सचिव सुनिता पाठक ने कहा कि बच्चों को सांस्कारिक बनाने के उद्देश्य से संस्था सदैव ही भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत कार्यक्रमों को प्रस्तुत करती रही है. समर कैम्प के माध्यम से बच्चों में कलागत निखार के साथ-साथ अपनी संस्कृति से परिचित कराना भी हमारा लक्ष्य रहा है. इसी क्रम में बाल कलाकारों ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत से न सिर्फ उत्सव का आगाज किया, बल्कि उपस्थितजनों को अपने हुनर से परिचित भी कराया. जहां सोनू साहनी, अनामिका पाण्डेय और प्रगति ने मां वीणावादिनी की चरणों में अपना गीत समर्पित किया, वहीं नव्या, शिवेश, सम्यक, शुभांगी, अनन्या ने दफ्तर नाटक प्रस्तुत कर समकालीन व्यवस्था पर चोट किया. नन्हे-मुन्ने कलाकारों ने एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया. इस मौके पर अपरिमिता के कलाकारों द्वारा दयाशंकर की डायरी नामक नाटक भी प्रस्तुत किया गया. संस्था द्वारा समर कैम्प के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. बाल उत्सव में शिवानी, निधि, आकांक्षा, अध्ययन अग्रहरि की भूमिका अह्म रही