वातावरण को शुद्ध करने का एकमात्र उपाय यज्ञ ही है – आचार्य शर्मा

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बलिया. महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर चल रहे 108 कुन्डीय गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे विद्वान आचार्यों ने देवी-देवताओं का आवाह्न, देवपूजन आदि कराने के बाद यज्ञ शुरू किया. इस दौरान आचार्य सर्वेश कुमार शर्मा ने यज्ञ की महिमा को बताते हुए कहा कि वातावरण को शुद्ध करने का एक मात्र उपाय यज्ञ ही है.

लंका युद्ध के पश्चात रावणी प्रवृत्ति को हटाने के लिए भगवान श्रीराम ने काशी में दशाश्वमेध यज्ञ किया था, वहीं महाभारत युद्ध के पश्चात युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया था ताकि वातावरण को सकारात्मक बनाया जा सके.

गायत्री शक्तिपीठ प्रमुख विजेन्द्र नाथ चौबे ने बताया कि शक्तिपीठ के प्रांगण सुबह छह बजे से साढ़े सात बजे तक जप, ध्यान, प्रज्ञा योग व्यायाम किया जायेगा.आठ बजे से 12बजे तक गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार इस दौरान इच्छुक लोग गुरु दीक्षा लेंगे. पांच से सात बजे तक संगीत मय प्रवचन एवं भव्य दीप यज्ञ होगा.

सभी मनुष्यों को प्रतिदिन यज्ञ करना चाहिए. बताया कि प्रजापति ब्रह्मा जी ने कल्प के आदि में कहा था कि यज्ञ तुम्हारा जुड़वां भाई है.तुम लोग यज्ञ के द्वारा अपना इच्छित मनोकामनाओं को प्राप्त कर सकते हैं.

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महाराज दशरथ को भी यज्ञ के माध्यम से ही चार पुत्र प्राप्त हुये थे. भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि यज्ञ के माध्यम से देवताओं को संतुष्ट करो देवता तुम्हें इच्छित फल देंगे.

यज्ञ से बचें हुए अन्न को खाने वाले श्रेष्ठ पुरुष सब पापों से मुक्त हो जाता है. इस दौरान यज्ञाचार्य रमेश पटेल, संगीतमय प्रवचन गुड़सागर जी राणा, कमल सिंह चौहान व कपिल देव यादव रहे.

बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट

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