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आशीष दूबे,बलिया
बलिया. नवजात शिशु के संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए मां का दूध अत्यंत आवश्यक होता है। मां के दूध में शिशु की आवश्यकतानुसार पानी होता है इसलिए 6 माह तक बच्चों को ऊपर से पानी भी देने की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए बच्चों की मुस्कान बनाए रखने के लिए 6 माह तक शिशु को केवल स्तनपान ही कराना चाहिए।
यह जानकारी जिला महिला अस्पताल स्थित प्रश्नोत्तर केंद्र पर तैनात वरिष्ठ नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ मणि दुबे ने दी। डॉ दुबे ने बताया कि स्तनपान बच्चों में भावनात्मक लगाव पैदा करने के साथ ही सुरक्षा का बोध भी करता है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि 6 माह तक केवल स्तनपान कराने से शिशु में दस्त और निमोनिया का खतरा बहुत कम हो जाता है।
बताते चलें कि हर वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह को विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए इस दौरान विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते हैं.
डॉ दुबे ने बताया कि स्तनपान कराना बच्चों की मां के लिए बहुत लाभकारी होता है। आंकड़े बताते हैं कि स्तनपान कराने वाली माताओं को स्तन कैंसर और अंडाशय के कैंसर का खतरा बहुत कम हो जाता है। यह प्रसव पश्चात मां के गर्भाशय में संकुचन कर रक्तस्राव को कम करता है। स्तनपान कराने से महिलाओं में वजन वृद्धि एवं तनाव की समस्या भी कम हो जाती है।
विश्व स्तनपान सप्ताह एवं मां के दूध के महत्व को समझाते हुए डॉ दुबे ने बताया कि स्वास्थ्य महकमें का भी पूरा जोर रहता है कि लेबर रूम में कार्यरत कर्मचारी यह सुनिश्चित करें कि जन्म के तुरंत बाद शिशु को मां की छाती पर रखकर स्तनपान की शुरुआत लेबर रूम के अंदर ही कराई जाए। नवजात को मां का पहला पीला गाढा (कोलस्ट्रम) दूध पिलाना सुनिश्चित किया जाए।
इसके अलावा मां को स्तनपान की पोजीशन,शिशु का स्तन से जुड़ाव और मां को दूध निकालने की विधि को समझाने में भी कर्मचारियों द्वारा पूरा सहयोग किया जाना चाहिए ताकि कोई भी नवजात मां के दूध से वंचित ना रह जाए।
कोलोस्ट्रम दूध के फायदे
*कोलेस्ट्रम जन्म के तुरंत बाद शिशु को पिलाये जाने वाला पहला गाढ़ा दूध होता है जिसमें विटामिन ए, विटामिन के, जिंक, इम्यूनोग्लोबुलिंस (रोग प्रतिरोधी) भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो शिशु के संपूर्ण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।
*कोलेस्ट्रम के लैक्सेटिव (मल त्यागने में मदद करना) प्रभाव नवजात शिशु के पहले मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं और शिशु के शरीर से बिलीरुबिन को बाहर कर पीलिया रोग से बचाते हैं।
*कोलेस्ट्रम में मौजूद एंटीबॉडीज नवजात शिशु को पेट के संक्रमण व श्वसन तंत्र के संक्रमण आदि से सुरक्षा प्रदान करती हैं।
*नवजात की तंत्रिका तंत्र के विकास में कोलेस्ट्रम मददगार
*कोलेस्ट्रॉल नवजात शिशु को फूड एलर्जी (खाने से एलर्जी) से बचाव करता है
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