स्वावलंबी हों महिलाएं इसी में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की सार्थकता

बलिया। अपने देश के संविधान ने महिलाओं को वैसे तो कई अधिकार प्रदान किया है, बावजूद इसके अधिसंख्य महिलाएं आज भी अभावग्रस्त जिंदगी गुजारने को अभिशप्त हैं. इस स्थिति से उन्हें बाहर निकालने की जरूरत है. तभी महिला दिवस मनाने के उद्देश्य पूरे हो सकेंगे.
यह बातें सामाजिक कार्यकर्ता संतोष तिवारी ने कही. विकास खंड हनुमानगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत नरहीं में उप्र राज्य आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को अगरबत्ती बनाने के दिये जा रहे प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नेहरू युवा मंडल उन्हें इस तरह के रोजगारपरक प्रशिक्षण दे रहा है. इसका फायदा यह मिल रहा है कि महिलाएं अपने कौशल व विशिष्टता के आधार पर कोई भी चुनौती स्वीकार करने में जरा भी हिचक नहीं रही हैं.

उन्होंने कहा कि बलिया जनपद में अब तक 1800 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है. ये महिलाएं रोजगारपरक प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार से जुड़ कर अपने परिवार का आर्थिक उन्नयन कर रही हैं. इस मौके पर ग्राम प्रधान रेंगनी देवी, अंजू तिवारी, रेखा पांडेय, प्रेमशिला, सविता, रूपाली पांडेय आदि मौजूद थीं.

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